हिमाचल प्रदेश में भाग्य रेखाएं कहलाए जाने वाले सडक़ मार्गों का नेटवर्क और मजबूत होगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में नई सडक़ों के निर्माण के लिए नाबार्ड को भेजी गई 25 मार्गों की डीपीआर को मंजूरी मिल गई है।
114.76 करोड़ रुपए की इन परियोजनाओं पर 90:10 के अनुपात में बजट खर्च किया जाएगा। इन मार्गों के निर्माण के लिए 102.14 करोड़ रुपए नाबार्ड देगा, जबकि बाकी पैसा प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किया जाएगा।
इन सडक़ों के निर्माण के बाद प्रदेश के दर्जनों गांव आल वैदर रोड से कनेक्ट हो सकेंगे। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश की ग्रामीण आबादी को बेहतर कनेक्टीविटी देने के लिए नए सडक़ों के निर्माण को बजट अप्रूवल के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर नाबार्ड के पास सबमिट करवाई थीं।
इन 25 मार्गों के तहत प्रदेश में 152.05 किलोमीटर नए पक्के मार्ग का निर्माण होगा। इसके लिए 102.14 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को नाबार्ड की ओर से लोन के रूप में प्राप्त होगा, जबकि 12.62 करोड़ रुपए स्टेट शेयर होगा। ये नए सडक़ मार्ग प्रदेश के नौ जिलों में बनेंगे।
नाबार्ड से मंजूरी मिल जाने के बाद अब लोक निर्माण विभाग इनकी टेंडर प्रक्रिया को अंजाम देगा, ताकि इन भाग्य रेखाओं को भी धरातल पर उकेरा जा सके।
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ कार्यालय में नाबार्ड का कार्य देख रहे अधिशाषी अभियंता रवि शंकर ने बताया कि प्रदेश की 114.76 करोड़ रुपए की 25 सडक़ परियोजनाओं को नाबार्ड की मंजूरी मिल गई है।
इससे अब प्रदेश में 152.05 किलोमीटर नए सडक़ मार्गों का निर्माण संभव हो पाएगा।