डबल होंगी हिमाचल प्रदेश की सभी सुरंगें

हिमाचल में नेशनल हाई-वे पर बनी ज्यादातर टनल अब डबल होंगी। एनएचएआई पहले से मंजूर टनल को ट्विन ट्यूब टनल में बदलने जा रहा है। इनमें से एक टनल के माध्यम से यात्रियों के आने की व्यवस्था होगी, जबकि दूसरी टनल के माध्यम से वाहनों को हिमाचल से बाहर जाने की सुविधा मिलेगी।

सुरंगों को डबल करने का सबसे बड़ा असर शिमला-कालका नेशनल हाईवे पर नजर आने वाला है। यहां कैंथलीघाट से ढली तक मंजूर तीनों सुरंगें डबल होंगी और इन सुरंगों में वाहनों के लिए अलग-अलग आवाजाही के प्रबंध रहेंगे।

यानी एनएचएआई ढली से कैंथलीघाट तक के हिस्से में ही कुल छह सुरंगों का निर्माण करेगा। इसके अलावा कैंथलीघाट से सोलन के चंबाघाट तक बन रहे फोरलेन के दूसरे भाग में कंडाघाट टनल को भी डबल किया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई ने केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है।

एनएचएआई की तरफ से एक प्रस्ताव केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजा गया है और इस प्रस्ताव में कंडाघाट की टनल को डबल करने की बात कही गई है।

हालांकि निर्माण केंद्र की मंजूरी के बाद ही शुरू हो पाएगा। इसके अलावा शिमला-मटौर नेशनल हाई-वे पर भी डबल टनल का निर्माण किया गया है। कांगड़ा में 1260 मीटर लंबी ट्विन ट्यूब टनल का निर्माण पूरा हो चुका है।

फोरलेन पर 68 सुरंगें प्रस्तावित
एनएचएआई ने फोरलेन पर 68 सुरंगें प्रस्तावित की हैं। इन सुरंगों के निर्माण पर 225 करोड़ रुपए खर्च आने की संभावना है। हालांकि बजट भविष्य में बढ़ सकता है।

इनमें से एक दर्जन सुरंगों के दोनों सिरे मिलाने में एनएचएआई कामयाब रहा है, जबकि 27 सुरंगों का निर्माण कार्य चल रहा है और 30 सुरंगों की डीपीआर तैयार की जा चुकी है।

इनमें से कुछ सुरंगों का मामला केंद्र सरकार और एनएचएआई के मध्य चल रहा है। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य एनएचएआई शुरू कर पाएगा। एनएचएआई के इन सुरंगों का निर्माण पूरा करने के साथ ही राज्य भर में करीब 126 किलोमीटर सफर कम होगा।

हादसे रोकना मकसद
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी कर्नल अजय सिंह बरगोती ने केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद टनल को डबल करने का काम तेजी से पूरा होगा।

कालका-शिमला फोरलेन पर कंडाघाट टनल का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है, जबकि अन्य टनल को ट्विन ट्यूब टनल बनाने का काम चल रहा है।

एनएचएआई इसके अलावा अन्य फोरलेन में भी इसी तरह की टनल बनाने की संभावनाएं देख रही है, ताकि हादसों को रोका जा सके और यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।

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