हिमाचल को केंद्र सरकार से मिली बड़ी सौगात, 2740 करोड़ से निखरेंगी ग्रामीण सड़कें

शिमला : आर्थिक तंगहाली झेल रहे हिमाचल के लिए सबसे बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने हिमाचल को प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना (पीएमजीएसवाई) चरण-तीन की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सैद्धांतिक मंजूरी के बाद अब प्रदेश को ग्रामीण सडक़ों के रखरखाव में बड़े बजट के मिलने की संभावना बढ़ गई है।

पीएमजीएसवाई पर दिल्ली और हिमाचल के अधिकारियों के बीच करीब दो घंटे चली बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। इस मंजूरी में 250 सडक़ें शामिल हैं। इन सडक़ों की कुल लंबाई 2685 किलोमीटर होगी।

इन सडक़ों के रखरखाव पर 2740 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें 90 फीसदी केंद्र सरकार खर्च करेगी, जबकि 10 फीसदी राज्य सरकार का हिस्सा होगा।

सडक़ों के अलावा आधा दर्जन पुलों का निर्माण किया जाएगा। आगामी एक महीने में विभाग इन सडक़ों के निर्माण से जुड़ी डीपीआर बना पाएगा और बरसात के बाद से काम शुरू हो जाएंगे।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पीएमजीएसवाई चरण तीन में करीब 3100 किलोमीटर लंबी सडक़ों की डीपीआर केंद्र को भेजी थी।

केंद्र सरकार ने अब सैद्धांतिक मंजूरी में 2685 किलोमीटर सडक़ों के साथ ही आधा दर्जन पुलों को बनाने की इजाजत भी दे दी है। अब संभावना जताई जा रही हैं कि आगामी एक महीने में केंद्र सरकार और हिमाचल के बीच सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी।

इसके बाद डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार से इस बड़े बजट के मिलने का सिलसिला बरसात के बाद से शुरू होगा। लोक निर्माण विभाग ने पूरे प्रदेश में पीएमजीएसवाई चरण तीन के लिए पहले ही सडक़ों की सूची तैयार कर ली है।

यह वे सडक़ें हैं, जिनकी हालत जर्जर हो चुकी है और इनका निर्माण पीएमजीएसवाई चरण एक और दो के दौरान किया गया था।

गौरतलब है कि पीएमजीएसवाई चरण तीन पर हिमाचल और केंद्र के बीच हुई ऑनलाइन बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेंद्र सिंह, संयुक्त सचिव वित्त, एमओआरडी के सचिव डा. अशीष गोयल और संयुक्त सचिव अमित शुक्ला जुड़े थे,

जबकि प्रदेश सरकार की तरफ से लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता समेत विभाग के अधिकारी बैठक में ऑनलाइन जुड़े थे। करीब दो घंटे चली इस बैठक में सडक़ों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई।

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