प्रदेश में नाबार्ड के तहत 40 सडक़ों का निर्माण आठ दिसंबर के बाद शुरू होगा। इन सडक़ों को नाबार्ड के तहत मंजूरी मिली है। नाबार्ड में चार पुलों का भी निर्माण होना है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता के फेर यह प्रोजेक्ट भी अटक गया।
इस प्रोजेक्ट के तहत 223 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली इन सडक़ों को लेकर लोक निर्माण विभाग ने डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को भेजी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने इसे केंद्र के सुपुर्द किया और आखिर में नाबार्ड से काम करवाने की मंजूरी मिल गई।
लोक निर्माण विभाग को इस प्रोजेक्ट में 200 करोड़ रुपए ऋण के माध्यम से मिले हैं, जबकि करीब 23 करोड़ रुपए राज्य सरकार को खर्च करने हैं। इस प्रोजेक्ट से सात जिलों में सडक़ों का निर्माण होना है। इनमें से कांगड़ा में 17 सडक़ें, जबकि मंडी में दस सडक़ों का निर्माण होना है। अन्य जिलों में सोलन, चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर और कुल्लू जिला शामिल हैं।
आचार संहिता के दौरान विभाग ने इन सडक़ों से जुड़ी लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। अब इन्हें आठ दिसंबर के बाद सिरे चढ़ाया जाएगा। नई सरकार के गठन के बाद इन सडक़ों पर निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे। उधर, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि नाबार्ड में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है।
नियमित रूप से डीपीआर नाबार्ड में भेजी जाती हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से काम रुका था। आचार संहिता के हटते ही नाबार्ड के तहत मंजूर सभी सडक़ों और पुलों के टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इसके बाद इनका निर्माण शुरू हो जाएगा। विधायक प्राथमिकता के तहत सडक़ निर्माण को मंजूरी दी गई है।
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