कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन की 1265 मीटर लंबी बन रही परियोजना की दूसरी सबसे बड़ी और कठिन टनल के वीरवार को दोनों छोर मिल गए। एसडीएम घुमारवीं राजीव ठाकुर ने बटन दबाकर टनल में आखिरी विस्फोट कर इसके दोनों छोर मिलाए।
साल 2015 में निर्माण कार्य करते खुदाई के दौरान टनल का हिस्सा धंसने से तीन मजदूर फंस गए थे। नौ दिन चले रेस्क्यू अभियान में दो मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि तीसरे मजदूर का शव नौ माह बाद निकाला जा सका था। हादसे के बाद टनल और फोरलेन का काम बंद हो गया था।
मई 2021 में टनल की शेष बची 492 मीटर की खुदाई को पूरा करने का कार्य दोबारा शुरू हुआ। टनल नंबर-1 कैंचीमोड़ के बाद यह दूसरी बड़ी टनल है। वीरवार को टनल के दोनों छोर मिलते ही मौके पर मौजूद इंजीनियर और कामगारों में विशेष उत्साह देखने को मिला। उन्होंने भारत माता की जय और गणपति बप्पा मोरया के नारे लगाए। इससे पहले निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की।
इस मौके पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के परियोजना निदेशक वरुण चारी, हिमालय कंस्ट्रक्शन कंपनी के महाप्रबंधक जगदीश धीमान समेत अन्य अधिकारी और कामगार मौजूद रहे।
गौरतलब है कि किरतपुर-नेरचौक फोरलेन को इस दिसंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
साभार “अमर उजाला”
आगे पढ़ें:
- दिसंबर तक बन जाएगा कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन
- कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन की भुवाणा टनल के दोनों छोर मिले
- जुलाई तक पूरा होगा कीरतपुर-नेरचौक टनलों का कार्य
- फोरलेन अपडेट – नारला और मंडी के बीच बनेंगे 5 बड़े पुल और 19 छोटे पुल, 4 किमी घटेगी दूरी
- पांच चरणों में जल्द होगा पठानकोट -मंडी फोरलेन का निर्माण