वैसे तो देश-दुनिया में घूमने के लिए बहुत से खूबसूरत स्थल हैं, लेकिन हिमाचल की बात ही अलग है। चूंकि गर्मियां शुरू हो गई हैं, ऐसे में अब मई-जून का मौसम हिमाचल में खास होता है, क्योंकि यही वे दिन हैं, जब घूमने के साथ-साथ ठंडा एहसास लेने का मौका मिलता है।
अगर आप भी हिमाचल घूमने का मन बना रहे हैं, तो यह समय सबसे बेहतर है। क्योंकि जहां गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और मौसम एकदम सुहाना है।
आज हम आपको हिमाचल की 5 ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गर्मियों में घूमने के लिए एक दम परफेक्ट हैं और जहां पर आज भी उतनी ज्यादा भीड़ नहीं है। यह क्षेत्र एक दम शांत और प्रकृति से जुड़े हुए हैं।
नंबर 1 पर है हिमाचल प्रदेश का ठंडा मरूस्थल क्षेत्र लाहुल-स्पीति। बर्फ से ढके पहाड़, रंग-बिरंगे मठ व छोटे-छोटे गांव, सब कुछ आंखों में भरने लायक। साफ नीला आसमान, ऐसा लगेगा कि आप अभी इसे छू लें, प्रदूषण मुक्त वातावरण जहां आपका बस जाने का दिल करने लगे।
तिब्बती संस्कृति की लहर जो आपको अपना बना ले। आप बेझिझक अपना कैमरा निकालकर इन खूबसूरत दृश्यों की तस्वीरें खींचने में विलीन हो जाएंगे। बाइकर्स के लिए इन नज़ारों का लुत्फ उठाना अपने आप में एक अतुलनीय एहसास है।
नंबर 2 पर है- राजगढ़ घाटी, जिसे पहाड़ों का आड़ू उद्यान कहा जाता है, सिरमौर जिले में स्थित है। यहां के आड़ू के बागीचे, खूबसूरत नजारे और साफ नदियां देखने लायक हैं।
घाटी में आप कैंपिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं। प्रसिद्ध बारू साहिब गुरुद्वारा भी इसी घाटी में स्थित है और यह देखने लायक है। यह सभी चीजें मिलकर आपकी यात्रा को यादगार बना देंगी।
नंबर 3 पर है- बरोट वैली- यह दो पहाड़ों के बीच में ऊहल नदी के किनारों पर बसी एक सुंदर घाटी है। यहां पर छोटा भंगाल घाटी के दो कोनों से आती ऊहल और लंबाडग नदियों का संगम है।
प्राकृतिक नजारों से भरपूर और भीड़भाड़ से दूर। यह घाटी उस समय अस्तित्व में आई थी जब ब्रिटिश सरकार के समय में जोगिंद्रनगर में शानन पावर हाउस की नींव रखी गई थी।
बरोट से ही इस पावर हाउस तक पानी पहुंचाया गया था। बरोट में आप पावर हाउस के लिए बनाई गई झीलों को देख सकते हैं। इस घाटी को आप रोमांच का पहाड़ भी कह सकते हैं। बरोट घाटी अपने ट्राउट मछली फार्मों के लिए भी प्रसिद्ध है।
नंबर 4 पर है- सैंज घाटी- जहां का माहौल एक दम शांत हैं। पक्षियों की मधुर चहचहाहट हवा में घुली हुई है, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल सूकून के बिताने के लिए ये एक बेस्ट प्लेस है।
यहां भारत का ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क भी है। इस पार्क को 2014 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी, जिसने इस क्षेत्र के आकर्षण को और बढ़ा दिया है।
यहां शांगढ गांव ट्रैकिंग के लिए बेस्ट है। यहां दलोगी झील है, जो पर्यटकों को लुभाने के साथ धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है
नंबर 5 पर है- थाची वैली, थाची वैली को थाची गांव भी पुकारा जाता है और ये हिमाचल के जिला मंडी में मौजूद है। यह जगह ट्रैकिंग के लिए बेहद खास है- यहां आप थाची-सपोनी, थाची गांव-बीड पठार पीक ट्रैक का आनंद ले सकते हैं।
खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं माने जाने वाली थाची घाटी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आप हिमाचल के लोगों की ग्रामीण जिंदगी को करीब से जानना चाहते हैं, तो इस अनछुए गांव का दीदार करने जरूर जाएं।
नंबर 6 पर है- भरमौर- जिसे शिव की धरती कहा जाता है, यहां कदम रखते ही आपको सच में ये महसूस होगा कि आप भोले के घर आ गए हैं- भरमौर खूबसूरत अल्पाइन चरागाहों से भरा हुआ है।
यहां सबसे ज्यादा धार्मिक स्थल हैं, यहां का 84 मंदिर 1400 साल से भी ज़्यादा पुराना है। मंदिर का नाम मंदिर के चारों ओर बने 84 मंदिरों के नाम पर रखा गया है।
इसके अलावा आप यहां भरमाणी माता मंदिर परिसर, काकसेन-भागसेन झरने, कुगती वन्यजीव अभयारण्य, भगवान नंदी बैल मंदिर, गणेश मंदिर, धर्मेश्वर महादेव (धर्मराज) मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
नंबर 7 पर है- तीर्थन वैली, जो कि कुल्लू जिला के पास है। समुद्र तल से लगभग 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी अपने जैव विविधता से भरपूर है। यहां आने वाले ज़्यादातर पर्यटक इस जगह पर शांति के साथ अपना समय व्यतीत करने के लिए आते हैं।
कुछ लोग इस जगह पर होने वाली साहसिक गतिविधियों का भी मज़ा लेते हैं। यहां बहती तीर्थन नदी की अपनी एक अलग खूबसूरती है। इस नदी के ऊपर सर्दियों के आते ही बर्फ़ की चोटियां दिखाई देनी शुरू हो जाती हैं, जो इसकी खूबसूरती को चार चांद लगा देती हैं।
नंबर 8 पर है नारकंडा- एक ऐसी जगह जहां साल के 12 महीनें आपको ठंड का एहसास होगा। शिमला से लगभग 70 किमी दूर ये स्थान इनदिनों पर्यटकों के लिए एक खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभऱा है।
यहां पर आप हाटू पीक और तानी जुब्बड़ लेक की खूबसूरती निहारने के साथ ही आसपास जंगल में कैंपिंग का भी लुत्फ ले सकते हैं। देवदार के जंगल और सेब के बागीचे इसकी खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
नंबर 9 पर है, नाको झील- किन्नौर जिला में स्थित नाको गांव बेहद खूबसूरत है और इसके ठीक पीछे स्थित है नाको झील। ये झील चारों तरफ से हरे-भरे पेड़ों से घिरी हुई है।
यहां आसपास बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। हालांकि, यहां जाने के लिए थोड़ी चढ़ाई जरूर करनी पड़ती है, लेकिन चढ़ाई करने के बाद आपको जो नजारा देखने को मिलेगा, वह सारी थकान दूर कर देगा। सर्दियों में यह झील जम जाती है।
नंबर 10 पर है डलहौजी- भारत का छोटा स्विट्जरलैंड डलहौजी एक अनोखा शहर है। समृद्ध स्थानीय संस्कृति और इतिहास, विक्टोरियन युग की वास्तुकला और विशाल वनस्पतियों और जीवों के साथ, यह प्रकृति की सैर की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान है।
यहां आप खजियार भी घूम सकते हैं, जो एक खूबसूरत घाटियों में से एक है, जो अपने हरे-भरे परिदृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, इसीलिए इसे मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है।