चौहारघाटी में बादल फटने से हुआ भारी नुक्सान

चौहार घाटी की शिल्हबुधानी पंचायत के स्वाड गांव में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही का मंजर देखने को मिला।

चौहारघाटी में बादल फटने से हुआ भारी नुक्सान

बताया जा रहा है कि यह स्थिति वर्ष 1993 की भयावह आपदा की याद दिला रही है। हालांकि इस बार इंसानी जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन करोड़ों रुपए की संपत्ति बर्बाद हो गई।

दो बड़े मत्स्य फार्म हाउस पूरी तरह से बह गए, कृषि भूमि तबाह हो गई और पुलों व पशुओं के चारे के भाड़ जलमग्न हो गए।

गांव के दोनों तरफ बहने वाले फ्लाइयांगडा नाला, जो ग्रामण व टिहरी तथा स्वाड गांव के बीच बहता है, और दूसरा भूभुजोत से कोरतंग शिल्हबुधानी तक जाने वाला नाला, जिसने स्वाड गांव व देव हुरंग के समीप की पूरी भूमि को प्रभावित किया है।

मक्की, राजमा, कोदरा की फसल और फलों के बगीचे पूरी तरह से बह गए। स्वाड पंचायत के मत्स्य व्यापार करने वाले दो परिवारों पर इस आपदा ने गहरा संकट ला दिया है।

रेनबो ट्राउट मछली की हैचरी और फार्म हाउस के आठ टैंकों में प्रजनन करने वाली दस क्विंटल और अन्य सात टैंकों में कई टन मछलियां तबाह हो गई।

मान सिंह पगलानी को अकेले ही एक करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है। शिव कुमार का मत्स्य फार्म हाउस दो यूनिट का फार्म भी पूरी तरह बर्बाद हो गया।

गांववासी सतर्क, जानी नुकसान नहीं

गनीमत रही कि ग्रामीणों ने इस बार आपदा की आशंका को देखते हुए पहले ही सतर्कता बरती हुई थी। प्रदेश भर में लगातार हो रही भारी बारिश और आपदा अलर्ट को देखते हुए लोग रातभर जगे रहे, जिससे बड़ा हादसा टल सका।

पंचायत प्रधान की दुकान भी बाढ़ की चपेट में बह गई है। रात दो बजे से शुरू हुई भारी बारिश सुबह तक जारी रही, जिसके चलते नालों का जलस्तर लगातार बढ़ता गया और तबाही का दायरा भी बढ़ता चला गया।

अब जबकि ग्रामीणों द्वारा नुकसान का विस्तृत आकलन किया जा रहा है। वहीं अभी और मिली जानकारी के अनुसार चौहारघाटी के द्रगड़ से एक गाड़ी ओर मठीबाजगण से पुली पानी मे बह गई है।

प्राप्त सूचना से कोई जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। सुबह सूचना मिलते ही एसडीएम पद्धर और लोक निमाज़्ण विभाग, बीडीओ पद्धर, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, जल शक्ति, राजस्व विभाग आदि सभी टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं ।