हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि वह तुरंत प्रभाव से सरकार के अधीन सभी सरकारी कार्यालयों, बोर्डों और निगमों में बायोमीट्रिक मशीनों से कर्मचारियों की 100 फीसदी हाजिरी शुरू करें। कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद सुबह दस बजकर पांच मिनट तक संबंधित कर्मी कोर्ट में उपस्थित नहीं थे।
अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान समय पर कोर्ट में पेश न होने पर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने ये आदेश पारित किए। प्रार्थी रजनीश पॉल द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान उक्त अधिकारी को मंगलवार को तलब किया गया था।
इससे पहले भी उसे पहली नवंबर को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया था, परंतु किन्ही कारणों से उस दिन उक्त अधिकारी पेश नहीं हो सका। इसलिए कोर्ट ने 15 नवंबर को उसे अदालत के समक्ष पेश होने के आदेश दिए थे। मामले के अनुसार प्रार्थी वर्तमान में हमीरपुर जिला में बतौर लेक्चरर तैनात है।
23 मई, 2003 को उसे जो पे-स्केल दिया गया था, उसे शिक्षा विभाग ने 22 अक्तूबर, 2003 को घटा दिया। रजनीश पॉल व अन्य प्रार्थियों ने पे स्केल घटाने के आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पाया कि पे स्केल घटाने का आदेश प्रार्थियों को बिना कारण बताओ नोटिस ही जारी कर दिया गया।
इतना ही नहीं उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रार्थियों की सैलरी उन्हें सुने बगैर ही घटा दी। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के 22 अक्तूबर 2003 के आदेश को गैर कानूनी ठहराते हुए खारिज कर दिया था। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने मार्च 2004 से 31 दिसंबर 2008 तक घटाया हुआ वेतन ही दिया।