जोगिन्दरनगर।। बुधवार रात करीब 9:33 बजे जोगिन्दरनगर में केंद्रित भूकंप के ज़ोरदार झटके पूरे हिमाचल में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जोगिन्दरनगर में जमीन के भीतर पांच किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गई है। अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
नैशनल सेंटर फॉर साइसमॉलजी की ओर से दिखाए गए नक्शे के अनुसार भूकंप का केंद्र नोहली-कोटली रोड पर रोपड़ू के समीप नेरी और ब्यास के संगम पर था। देखें चित्र:
फ़ोटो: इन हिमाचल
मंडी के अलावा कुल्लू, कांगड़ा, बिलासपुर, शिमला में भी तीन से पांच सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। ख़ास कर मंडी, कांगड़ा और आसपास के इलाकों में ज़ोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप के चलते लोग दहशत में घरों से निकलकर खुली जगहों की ओर भाग गए।
डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि भूकंप से कहीं भी नुकसान की सूचना नहीं है। भुंतर और मनाली में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए।
“4.1 तीव्रता का भूकंप: 16-11-2022 को हुआ, 21:32:55 IST, अक्षांश: 31.83 और लंबा: 76.84, गहराई: 5 किमी, स्थान: 27km NNW ऑफ मंडी, हिमाचल प्रदेश, भारत” नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने ट्वीट किया।
Earthquake of Magnitude:4.1, Occurred on 16-11-2022, 21:32:55 IST, Lat: 31.83 & Long: 76.84, Depth: 5 Km ,Location: 27km NNW of Mandi, Himachal Pradesh, India for more information Download the BhooKamp App https://t.co/QDpZSz1WiD @Indiametdept @ndmaindia @Ravi_MoES pic.twitter.com/QAiXfoPoSq
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 16, 2022
हिमालयी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में 10 भूकंप
नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड-नेपाल सीमा के साथ हिमालयी क्षेत्र में 8 से 16 नवंबर के बीच अलग-अलग तीव्रता के कम से कम 10 भूकंप आ चुके हैं। यानि हिमालयी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में भूकंप की एक श्रृंखला देखी गई है।
हिमाचल में इस साल आ चुके हैं इतने भूकंप
इसी साल 26 अक्तूबर को प्रदेश चंबा जिले में भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र जनजातीय क्षेत्र पांगी में रहा और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। इसके अलावा 17 अगस्त को सुंदरनगर में ही 2.8 तीव्रता व 2.9 तीव्रता के दो भूकंप आए। 20 मई को शिमला में 3.0 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। फरवरी में किन्नौर व अन्य जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
1905 के भूकंप में गईं थीं 20 हजार जानें
हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।