एमबीएम न्यूज , शिमला।। कोटखाई के गुडिय़ा गैंगरेप में एक और बड़ा मोड़ आया है। अंग्रेजी दैनिक ‘द ट्रिब्यून’ ने प्रथम पृष्ठ पर एक समाचार प्रकाशित किया है जिसके अनुसार एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के डीएनए सैंपल की रिपोर्ट ने फोरेंसिक सबूतों से मेल नहीं खाया है। लिहाजा रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों को डीएनए सैंपल रिपोर्ट में क्लीन चिट मिल गई है।
पुलिस ने शुरूआती छानबीन में 8 लोगों के डीएनए सैंपल लिए थे, लेकिन इनमें से कोई भी सैंपल मैच नहीं हुआ है। अख़बार के अनुसार यह इस बात का संकेत है कि एसआईटी ने जानबूझ कर बेगुनाहों को गिरफ्तार किया और असली गुनाहगारों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
सीबीआई को 29 वर्षीय आशीष चौहान, 32 वर्षीय राजेंद्र सिंह, 42 वर्षीय सुभाष सिंह, 19 वर्षीय लोकजन, 29 वर्षीय दीपक व दिवंगत 29 वर्षीय सूरज सिंह के डीएनए सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार था। इसके अलावा दो संदिग्धों के भी सैंपल लिए गए थे।
अंग्रेजी दैनिक की खबर के मुताबिक आईजी समेत 8 की गिरफ्तारी एक कॉल डिटेल के आधार पर हुई है। एक अन्य जानकारी के मुताबिक एएसपी भजन देव नेगी समेत डीएसपी को भी सीबीआई ने दिल्ली तलब किया है।
बता दें कि डीएनए के लिए सैल्ज, खून व सीमन के अलावा बालों इत्यादि के नमूने लिए गए थे। अब सवाल उठा है कि क्या असल गुनाहगारों की वायरल तस्वीरें सही थी या नहीं। गुडिय़ा के लिए न्याय को लेकर संघर्ष कर रहे लोगों को शायद इस बात का जवाब सीबीआई से मिलने की उम्मीद है।