वापिस लाओ शानन बिजली परियोजना : लक्ष्मेन्द्र गुलेरिया

हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा है कि सालाना करीब तीन अरब की बिजली तैयार करने वाले शानन पावर प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार से वापस लेने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है। इस कमाउपूत पन बिजली परियोजना को प्रदेश को वापस दिलाने के लिए हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा निर्णायक लड़ाई लड़ेगा।

इस प्रोजेक्ट का मालिकाना हक प्रदेश को मिलने से छोटा पहाड़ी प्रदेश देश का सबसे अमीर प्रदेश बनेगा। मोर्चा ने पंजाब सरकार से प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है।

हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा है कि हिमाचल सरकार को इस प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लडऩी चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार ने कभी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। मजबूरन उन्हें इस लड़ाई के लिए आगे आना पड़ा है।

1926 में शुरू हुई 48 मेगावाट शानन बिजली परियोजना की वर्तमान में अधिकतर अन्य संसाधन जर्जर हालत में है। मंडी रियासत के तत्कालीन राजा जोगेंद्र सेन ने मंडी रियासत के हक की लड़ाई लड़ी थी। आजादी से पहले लाहौर को रोशन करने वाले इस प्रोजेक्ट की हालत आज बहुत खस्ता है।

प्रोजेक्ट का संचालन पंजाब सरकार से छीन कर अब केंद्र सरकार के कब्जे में आ गया है। प्रोजेक्ट के निर्माण के समय मंडी रियासत को तीन फीसदी बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था।