शिमला : हिमाचल में राज्य सरकार के स्तर पर एक फैसला न होने से नई नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया रुक रही है। यह स्थिति अप्रैल, 2023 से बाद अब तक बनी हुई है। इसकी मुख्य वजह 13 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में अनुबंध नियमों पर हुआ एक फैसला है।
यह फैसला अब तक न तो लागू किया जा रहा है, न ही इसे निरस्त किया जा रहा है। फाइल पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं होने से भर्ती एजेंसी भी सिर्फ इंतजार कर रही है।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार की कैबिनेट ने 13 अप्रैल की बैठक में यह फैसला लिया था कि अनुबंध भर्ती के नियमों में बदलाव किया जाएगा।
यह बदलाव अनुबंध की अवधि और अनुबंध के वेतन को लेकर था। लगभग तीन महीने की प्रक्रिया के बाद यह फाइल तैयार हुई और कार्मिक विभाग ने इस फैसले को लागू करने के लिए लोक सेवा आयोग, विधि विभाग और वित्त विभाग से भी अनुमति ली,
लेकिन राज्य सरकार ने आखिरी वक्त पर इसे होल्ड कर दिया। फिर ये निर्देश आए कि अनुबंध के वर्तमान नियमों को ही जारी रखा जाए, लेकिन इस बारे में भी कोई लिखित निर्देश अब तक जारी नहीं हुए।
भर्ती के नए विज्ञापन नहीं आ रहे हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि यह मामला राज्य सरकार के ध्यान में है और मुख्यमंत्री के साथ इस मामले में चर्चा हुई है। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द अंतिम निर्णय हो जाएगा।
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद रुके हुए परीक्षा परिणाम के मामले में एक राहत भरी खबर है। दरअसल लोक सेवा आयोग ने विजिलेंस जांच से बाहर के पोस्ट कोड को लेकर जांच एजेंसी से एक तरह से एनओसी मांगी थी।
विजिलेंस ब्यूरो से यह डिटेल गत मंगलवार को मुख्य सचिव को मिल गई है। इस फाइल पर अब मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति लेने के बाद लोक सेवा आयोग को पेपर लीक जांच से बाहर के 26 पोस्ट कोड के रिजल्ट घोषित करने को लेकर केस भेजा जाएगा।
हालांकि एक रोज पहले नए कार्मिक सचिव डा. अमनदीप गर्ग ने लोक सेवा आयोग के सचिव को बुलाकर इस बारे में बैठक की है।