जोगिन्दरनगर : लडभड़ोल क्षेत्र के त्रैम्बली पंचायत के तहत डूघ गांव के एक नौजवान बागवान आजकल युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. डूघ निवासी पान सिंह ने बागवानी को अपना रोजगार का साधन बनाया है तथा सैंकड़ों पौधे खुद ही तैयार कर लिए हैं जोकि आज के युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत हैं. उन्हें सम्बन्धित विभाग के प्रति शिकायत है कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए जो सुविधाएँ और मदद मिलनी चाहिये वह नहीं मिल रही है.
सरकारी योजना से जुड़े
पान सिंह मिड हिमालया सरकार की एक योजना से जुड़े और वहीं से बागवानी और पौधे लगाने के बारे में जानकारी प्राप्त की. पान सिंह ने अपनी कमाई से कई फलदार पौधे उगाए हैं और खुद भी तैयार किए हैं. पान सिंह ने कई तरह के पौधों की नर्सरी भी लगाई है.
आर्थिक परेशानी नहीं बनी बाधा
jogindernagar.com की टीम जब पान सिंह के घर डूघ गाँव पहुंची तो पान सिंह ने बताया कि उनकी आर्थिक हालात सही नहीं हैं. उनका बेटा दिव्यांग है. पान सिंह का खुद का पेट का बड़ा आपरेशन हुआ है. पत्नी भी बीमार रहती है. बावजूद इसके पान सिंह का हौंसला नहीं डगमगाया. पान सिंह ने बागवानी को रोजगार के साधन के रूप में अपनाया.
पौधों की तैयार की है नर्सरी
पान सिंह ने पौधों की नर्सरी लगाई है. पान सिंह का कहना है कि वे फूलों और पौधों की नर्सरी तैयार करते हैं जिसे गाँव और दूर दराज के लोग खरीद कर ले जाते हैं. पान सिंह ने पांच सौ अलग -अलग फलों के पौधे तैयार कर रखे हैं जिनमें निम्बू,कीनू,संतरा, मौसमी जापानी फल,पपीता,आड़ू, केला लीची,सेब,अमरुद,आम,जामुन,नाशपाती,पलम,नीम,सागवान आदि पौधे तैयार कर रखे हैं. इस प्रकार बागवानी उनके रोजगार का साधन बन रहा है. वे फलों को बेचकर भी कुछ कमा लेते हैं.
लोग कर रहे बागवानी की तरफ रुख
पान सिंह के बागवानी के प्रति जागरूकता से प्रेरित होकर त्रैम्बली पंचायत के बहुत से लोग बागवानी की तरफ रुक करने लगे हैं. पान सिंह बताते हैं कि आज का युवा वर्ग अगर बागवानी की तरफ रुख करे तो आर्थिक मजबूती तो मिलेगी ही आत्मनिर्भर भी हो सकेंगे.
विभाग के प्रति है शिकायत
पान सिंह को ब्लाक चौंतड़ा विभाग के प्रति शिकायत है. पान सिंह का कहना है कि बागवानी के लिए ब्लाक की तरफ से एक बार बुलाया जरूर गया था लेकिन बागवानी से सम्बन्धित आज तक उन्हें कोई भी सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई. उनके बगीचे में पानी की खासी कमी है. पानी के लिए टैंक का होना भी अनिवार्य है लेकिन वह भी नहीं बनवाया गया है. गर्मी में पौधों को पानी देने के लिए पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है. पान सिंह की सरकार से मांग है कि बागवानी के प्रति उनकी रूचि को देखते हुए सरकार उन्हें पौधे और अन्य सहायता उपलब्ध करवाए.
लड भङोल क्षेत्र के त्रैम्बली पंचायत के डूघ गांव के एक नौजवान किसान ने किया बागवानी की ओर रूख।इनके अथक प्रयासों को देखते हुए उपायुक्त मंडी संदीप कदम ने दिया प्रोत्साहन पत्र।और लोग भी हो रहे हैं प्रेरित किसान पान सिंह से।
जी हां दोस्तों, वर्तमान में पान सिंह के कई पौधे तैयार हूं चुके हैं और फल दे रहे हैं। पान सिंह के सफल प्रयासों को देखते हुए बहुत से लोग बागवानी की और प्रेरित हो रहे हैं। बहुत से लोग पान सिंह से उनकी नर्सरी के तैयार किए हुए पौधे खरीद कर ले जाते हैं और उन्हें लगा रहे हैं। पान सिंह बागवानी को रोजगार का साधन बना रहे हैं और फलों को बेचकर कमाई भी कर रहे हैं। पान सिंह से प्रेरित होकर बहुत लोग बागवानी की और रुख कर रहे हैं। पान सिंह ने अलग-अलग फलों के 500 पौधे तैयार करके रखे हैं। पान सिंह ने नींबू ,किन्नू ,संतरा, मौसमी ,जपानी ,फल ,आम, जामुन ,पपीता ,आडू ,केला, नाशपति, पल्म, सेब, अमरुद के साथ साथ नीम और सागवान के पौधे भी तैयार किए हैं। आज के दौर में जहां नौजवान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं वही पान सिंह अपनी बागवानी से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।पान सिंह के अथक प्रयासों की सराहना करता है और क्षेत्र की जनता से अनुरोध करता है कि सब लोग इसी प्रकार खेती और बागवानी की तरफ रुक बनाए रखें जिससे कि लोगों को घर में ही आय के साधन प्राप्त हो और भूमि होते हुए भी मजदूरी के लिए बाहर जाते लोगों का पलायन रुके। हमारा प्रशासन से भी अनुरोध है कि बागवानी से जुड़ रहे किसानों को प्रशिक्षण व उचित प्रोत्साहन दिया जाए। पान सिंह वाकई प्रोत्साहन के हकदार हैं।