कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क के आरामदायक सफर के लिए अब वाहन चालकों को बलोह टोल प्लाजा से गुजरते हुए अब जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी होगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बलोह टोल की दरों में 45 से 300 रुपए का इजाफा करते हुए नई दरें लागू कर दी हैं।
बढ़ी टोल दरें बुधवार सुबह 12 बजे से लागू कर दी गई है, जिसके अनुसार के अनुसार अब कार, जीप, वैन जैसे हल्के वाहनों को एकतरफा यात्रा के लिए 115 रुपए और दिनभर की वापसी यात्रा के लिए 175 रुपए अदा करने होंगे।
इस श्रेणी के वाहनों के लिए 50 यात्राओं वाला मासिक पास 3835 में उपलब्ध होगा। यदि वाहन उसी जिले में पंजीकृत है, तो चालकों को मात्र 60 रुपए में यात्रा की सुविधा मिलेगी।
लाइट कॉमर्शियल वाहन, लाइट गुड्स व्हीकल या मिनी बस को एकतरफा यात्रा पर 185 रुपए और रिटर्न यात्रा पर 280 रुपए खर्च करने होंगे।
मासिक पास के लिए उन्हें 6195 रुपए चुकाने होंगे, जबकि पंजीकृत वाहन को 95 रुपए शुल्क देना होगा। डबल एक्सल वाले वाहनों के लिए अब 390 रुपए एकतरफा और 585 रुपए रिटर्न यात्रा शुल्क निर्धारित किया गया है।
वहीं, मासिक पास की कीमत 12980 रुपए तय की गई है।
स्थानीय रूप से पंजीकृत वाहन 195 रुपए में टोल पार कर सकते हैं। तीन एक्सल वाले कॉमर्शियल वाहनों को एकतरफा यात्रा के लिए 425 रुपए , रिटर्न यात्रा के लिए 640 रुपए और मासिक पास के लिए 14160 रुपए खर्च करने होंगे।
वहीं, चार से छह एक्सल वाले वाहनों के लिए ये दरें क्रमश: एचसीएम के 610 रुपए से 915 रुपए और मासिक पास हेतु 20355 रुपए निर्धाारित की गई हैं।
इन श्रेणियों में स्थानीय वाहनों को 210 रुपए और 305 रुपए अदा करने होंगे। सात या उससे अधिक एक्सल वाले वाहनों की एकतरफा यात्रा के 745 रुपए, रिटर्न पर 1120 रुपए और मासिक पास के 24780 रुपए का शुल्क लागू किया गया है।
जिले में पंजीकृत ऐसे वाहनों को भी 370 रुपए शुल्क अदा करना होगा। स्थानीय निवासियों के लिए थोड़ी राहत रखी गई है। 20 किलोमीटर की सीमा के भीतर रहने वाले गैर-व्यावसायिक वाहन चालकों को मासिक पास 350 में मिलेगा।
बाइपास निर्माण के साथ जोड़ी गई अतिरिक्त टोल राशि
बताया जा रहा है कि टोल दरों में यह बढ़ोतरी केवल बलोह टोल प्लाजा की मौजूदा सीमा तक ही सीमित नहीं है। दरअसल, कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन के तहत मंडी में निर्मित करीब नौ किलोमीटर लंबी बाइपास सडक़ के लिए यह अतिरिक्त शुल्क जोड़ा गया है।
इस बाइपास खंड में दो सुरंगों और कई पुल भी शामिल हैं, जो आधुनिक तकनीक से तैयार किए गए हैं। इस हिस्से के निर्माण से मंडी शहर में यातायात दबाव कम हुआ है, लेकिन इस सुविधा की कीमत यात्रियों को अतिरिक्त टोल के रूप में चुकानी पड़ेगा।