हिमाचल में लाखों बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है। प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में दूध सैस व पर्यावरण सैस लगाकर दरों को बढ़ा दिया है।
घरेलू उपभोक्ता पर दूध सैस ही लागू होगा, हालांकि पर्यावरण सैस अन्य उपभोक्ताओं को लगा है। इससे अब बिजली का बिल और बढ़ जाएगा।
इस एक्ट में संशोधन के बाद अब घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट बिजली खपत पर 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिल्क सैस अतिरिक्त देना होगा।
जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो होगा, उन पर इस सैस का बोझ नहीं पड़ेगा। इस सैस से आने वाला राजस्व हिमाचल में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
पर्यावरण सैस से बढ़ाया जाएगा बिजली उत्पादन
इसके तहत पर्यावरण सैस के रूप में लघु औद्योगिक ऊर्जा यूनिट में पर्यावरण सैस के तौर पर 2 पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे प्रति यूनिट और कमर्शियल सैक्टर पर 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सैस लगेगा।
अस्थायी कनैक्शन पर 2 रुपए प्रति यूनिट, स्टोन क्रशर पर भी 2 रुपए प्रति यूनिट और इलैक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपए प्रति यूनिट पर्यावरण सैस लगेगा।
एक साल में तीसरी बार बढ़ी बिजली दरें
सरकार ने एक ही साल में इस बार तीसरी बार बिजली दरों में संशोधन कर बिजली दरों को बढ़ाया है। इसमें पहली अप्रैल में नए बिजली टैरिफ में दरें बढ़ी थीं।
इसके बाद सितम्बर माह में 300 यूनिट बिजली तक ही सबसिडी देकर उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ौतरी की थी। वहीं अब नवम्बर माह में दूध व पर्यावरण सैस लगाकर ये बढ़ौतरी की है। जिससे उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा।