हिमाचल की पहली महिला डीजीपी बनी सतवंत अटवाल त्रिवेदी

1996 बैच की आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल त्रिवेदी अब हिमाचल प्रदेश की प्रथम महिला डीजीपी होंगी। डीजीपी संजय कुंडू के छुट्टी पर जाने के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। सतवंत अटवाल त्रिवेदी को हिमाचल की पहली आईपीएस होने के साथ-साथ एनआईए और बीएसएफ की पहली महिला अधिकारी होने का गौरव भी प्राप्त है।

हिमाचल की पहली महिला डीजीपी

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखने वाली आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने शिमला के सेंट बीड्स कॉलेज और ऑकलैंड हाउस स्कूल में शिक्षा ग्रहण की है।

हिमाचल में महिलाओं से जुड़े अपराध की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने व महिलाओं के लिए अलग थाने खोलने का श्रेय भी अटवाल को ही जाता है।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अपने कैडर के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित पुलिस संगठनों के विभिन्न पदों पर एक पुलिस अधिकारी के रूप में सराहनीय सेवाओं की एक समृद्ध गाथा को भी लिखा है।

इसके अलावा, उन्होंने सीमा सुरक्षा बल में भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यान्वयन को सफलतापूर्वक शुरू किया।

उन्हें वर्ष 2012 में सराहनीय सेवा के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।

बता दें कि डीजीपी संजय कुुंडू बीते 13 जून से अवकाश पर हैं और सरकार को उनके पद का अतिरिक्त जिम्मा किसी अन्य अधिकारी को सौंपने का निर्णय लेने में ही 10 दिन का समय लग गया।

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी बीते दिनों डीजीपी के पद का अतिरिक्त कार्यभार किसी अधिकारी को न सौंपे जाने पर सरकार को आड़े हाथ लिया था।

यह पहला मौका है कि जब कोई महिला अफसर डीजीपी पद का अतिरिक्त जिम्मा देखेंगी। इससे पहले प्रदेश में कोई भी महिला डीजीपी नहीं रही है।

राज्य सरकार ने नियुक्ति का इंतजार कर रहे वर्ष 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अग्रवाल को एडीजी कम कमांडैंट जनरल होमगार्ड, सिविल डिफैंस एवं फायर सर्विस लगाया है।

ऐसे में उक्त पद के अतिरिक्त कार्यभार से 1997 बैच के आईपीएस ऑफिसर एपी सिंह भारमुक्त हो जाएंगे और एडवाइजर (सिक्योरिटी) हिमाचल सरकार दिल्ली और एडीजी जेल का काम देखते रहेंगे।

वरिष्ठता को देखा जाए तो राकेश अग्रवाल महिला आईपीएस अधिकारी सतवंत अटवाल से वरिष्ठ हैं।

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