मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सचिवालय में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। इस वर्ष शराब के ठेके नीलाम नहीं होंगे। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में शराब ठेकों के नवीनीकरण के लिए 4 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क की स्वीकृति प्रदान की गई। 2022-23 के लिए 2,131 करोड़ का राजस्व संग्रहण का लक्ष्य तय किया गया जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 264 करोड़ रुपये अधिक है।
इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त वृद्धि हासिल करना और पड़ोसी राज्यों से देशी शराब की तस्करी पर अंकुश लगाना है। देशी शराब के ब्रांड सस्ते होंगे क्योंकि लाइसेंस शुल्क कम कर दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर अच्छी गुणवत्ता वाली शराब उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इससे उपभोक्ता अवैध शराब की खरीद के प्रति आकर्षित नहीं होंगे और शुल्क की चोरी पर भी लगाम लगेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देशी शराब के विनिर्माताओं और बॉटलर्स के लिए 15% निर्धारित कोटा समाप्त कर दिया गया है। यह कदम खुदरा लाइसेंसधारियों को अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ताओं से अपना कोटा उठाने और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली देशी शराब की आपूर्ति का आश्वासन देगा। देशी शराब की एमआरपी मौजूदा कीमत से 16% सस्ती होगी।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के मामलों को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।