हिमाचल में जीएसटी उगाही में एक बार फिर रिकार्ड बन गया है। जनवरी में जीएसटी की उगाही बीते साल के मुकाबले 18 फीसदी अधिक है। अकेले जनवरी महीने में आबकारी विभाग ने 503 करोड़ रुपए के जीएसटी की उगाही की है।
अप्रैल से जनवरी तक मौजूदा वित्तीय वर्ष में जीएसटी को लेकर विभिन्न माध्यमों से आबकारी विभाग ने 4556 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है, जबकि पिछले साल यह राजस्व 3760 करोड़ रुपए था।
इसमें इस साल 21 फीसदी की बढ़ोतरी अभी तक हो चुकी है। आबकारी कराधान विभाग ने जीएसटी उगाही को लेकर जो नियम निर्धारित किए थे उनका फायदा विभाग को मिला है। इसमें सबसे बड़ा फायदा आयकरदाताओं की सजगता से मिला है।
आबकारी विभाग ने टैक्स हाट लगातार कारोबारियों को जीएसटी के प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई है और इस मुहिम के शुरू होन से जीएसटी में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इसके अलावा विभाग ने इस बार ईवे बिल पर भी सख्ती दिखाई है। इस साल में अभी तक 11 लाख ईवे बिल की जांच की गई है। इस जांच के दौरान जो कारोबारी ईवे बिल नहीं दिखा पाए, उन पर कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने 50 हजार से अधिक मूल्य के सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर ईवे बिल को आवश्यक कर दिया है।
विभाग ने ईवे बिल के बगैर सामान ढोने वाले कारोबारियों पर नकेल असने के लिए समूचे प्रदेश में नाकेबंदी सहित छापामारी के कदम उठाए हैं और इसी सिलसिले में अब तक 11 लाख ईवे बिल जांचे जा चुके हैं।
जीएसटी उगाही से प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी
आबकारी कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनूस ने बताया कि विभागीय कर्मचारियों को जीएसटी उगाही में दक्ष करने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अभी तक 400 अधिकारियों को जीएसटी उगाही के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह क्रम भविष्य में भी जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि जीएसटी उगाही में आबकारी एवं कराधान विभाग लगातार प्रयासरत है और इसका सीधा लाभ मिल प्रदेश को राजस्व बढ़ोतरी में मिल रहा है।