शाबाश!!! जोगिन्दरनगर के अभय भारद्वाज का होमी भाभा इंस्टिट्यूट में पीएचडी (साइंटिस्ट) के लिए हुआ चयन

जोगिन्दरनगर: जोगिन्दरनगर क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले अभय भारद्वाज पुत्र कुशाल भारद्वाज का चयन प्रतिष्ठित होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केंद्र मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च(TIFR) में इंटेग्रेटिड एमएससी- पीएचडी के लिए हुआ है। इसके साथ अभय न्यूक्लियर एंड एटॉमिक फिजिक्स के प्रतिष्ठित क्षेत्र में साइंटिस्ट बनने की राह पर चल पड़े हैं। अभय की इस उपलब्धि से सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश सहित जोगिन्दरनगर क्षेत्र में ख़ुशी की लहर है।

अभय भारद्वाज सुप्रसिद्ध समाजसेवी, भराड़ू वार्ड से जिला परिषद सदस्य तथा सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता श्री कुशाल भारद्वाज के सुपुत्र हैं। उनकी माता विधु भारद्वाज पिछले कई वर्षों से सरकारी कॉलेज में अंग्रेजी विषय की सहायक प्रोफेसर हैं। अभय की उपलब्धि से उनके माता-पिता, रिश्तेदार, शुभचिन्तक और समस्त जोगिन्दर नगर उपमंडल के निवासी गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं।

अभय भारद्वाज

देश के टॉप 18 जीनियस में एक अभय भारद्वाज

पूरे देश से टिफर में इंटेग्रेटिड-पीएचडी में मात्र 18 छात्र ही सेलेक्ट हुए हैं। अभय भारद्वाज का चयन न्यूक्लियर एंड एटॉमिक फिजिक्स में रिसर्च के लिए हुआ है। इंटेग्रेटिड एमएससी- पीएचडी में प्रवेश के लिए सेलेक्ट होकर न्यूक्लियर एंड एटॉमिक फिजिक्स के महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित क्षेत्र में साइंटिस्ट बनने की राह पर चल पड़े हैं।

यह संस्थान भारत सरकार द्वारा संचालित देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। TIFR GS में दाखिले के लिए इस वर्ष फरवरी में ही अखिल भारतीय परीक्षा हुई थी। देश भर के हजारों छात्रों ने यह परीक्षा दी थी, जिनमें से मात्र 102 छात्र ही अगले चरण की परीक्षा के लिए क्वालीफाई कर पाये। उन सब छात्रों को अगली प्रतियोगी परीक्षा के लिए मुंबई स्थित संस्थान में बुलाया गया था।

गत 10 अप्रैल को मुंबई में इन 102 छात्रों की फिर से परीक्षा हुई जिसमें टॉप 42 को इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट किया गया। इस प्रतिष्ठित संस्थान के एक्सपर्ट प्रोफेसरों के पैनल ने 11 अप्रैल को अलग-अलग एक घंटे से भी ज्यादा समय तक इन 42 छात्रों के इंटरव्यू लिए। जिसके बाद 9 मई को फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया।

हजारों रुपये की छात्रवृति मिलेगी

अभय भारद्वाज की इस उपलब्धि से न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे उतर भारत का गौरव बढ़ा है। TIFR जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई एवं रिसर्च करने के लिए उन्हें प्रथम वर्ष हर महीने 21 हजार रूपये फेलोशिप के अलावा पुस्तक ग्रांट के तौर पर 25000 रू. वार्षिक भी मिलेंगे।

दूसरे वर्ष हर महीने 31 हजार रूपये फेलोशिप मिलेगी तथा पीएचडी में रजिस्ट्रेशन के बाद हर वर्ष 35 हजार रूपये मासिक फेलोशिप के अलावा लैपटॉप/ मोबाइल व स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए 40000 रू. की वार्षिक ग्रांट भी मिलेगी।

अभय भारद्वाज मूलत: मंडी जिला के जोगिन्दर नगर तहसील के निवासी हैं। इनकी माता विधु भारद्वाज पिछले कई वर्षों से सरकारी कॉलेज में अंग्रेजी विषय की सहायक प्रोफेसर हैं, जबकि इनके पिता कुशाल भारद्वाज एक सुप्रसिद्ध समाजसेवी, प्रदेश में सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता तथा जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं।

विलक्षण प्रतिभा के धनी अभय हर जगह टॉपर

अभय भारद्वाज बचपन से ही अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते रहे हैं। 10+2 तक अभय ने तीन अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की तथा हर स्कूल में पढ़ाई में अव्वल आते रहे हैं। 10+2 की पढ़ाई करने के बाद B.Sc Physics Hon’s की पढ़ाई हेतु टैस्ट पास करने व 10+2 के अंकों के आधार पर अभय के सामने तीन विश्वविद्यालयों में से किसी में भी प्रवेश लेने का विकल्प खुला था।

B.Sc फिजिक्स में शत-प्रतिशत अंक

अंकों के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय में भी नॉर्थ कैंपस के कई कॉलेजों (किरोड़ीमल कॉलेज, सेंट स्टीफन कॉलेज, हंस राज कालेज सहित 5 टॉप कॉलेजों) में अभ़य के पास एडमिशन लेने का विकल्प था। हालांकि अभय ने 96.66 प्रतिशत अंकों के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ी मल कॉलेज में B.Sc Physics Hon’s में दाखिला लिया था। B.Sc Physics Hon’s के एक सेमेस्टर में अभय ने सभी पांचों पेपर में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे,

जबकि अंतिम सेमेस्टर में भी उन्होंने टॉप किया था। इसके बावजूद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएससी करने के बजाए एक वर्ष ड्रॉप करते हुए घर में ही IIT JAM, TIFR GS और IISc की तैयारी शुरू कर दी और तीनों की ही टॉप रैंकिंग में स्थान बनाया।

कभी कोई ट्यूशन नहीं ली

मुख्य बात यह है कि अभय भारद्वाज ने आज तक किसी भी तरह की प्रतियोगी परीक्षा के लिए न तो कभी ट्यूशन रखी, न ही किसी से कोचिंग ली और न ही कभी कोई अकैडमी ही ज्वाइन की है।

युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

वहीं अभय की माता भारद्वाज भरद्वाज तथा पिता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि अभय को बचपन से ही फिजिक्स से लगाव था और वह इसमें रिसर्च भी करना चाहता था। जिन प्रतिष्ठित संस्थानों से रिसर्च करने का लाखों छात्रों का सपना होता है उन संस्थानों में प्रवेश हेतु टॉप लिस्ट में स्थान बनाना सचमुच ही एक विशिष्ट उपलब्धि है तथा उन्हें अपने बेटे की इस उपलब्धि पर निश्चित ही गर्व है।

अभय भारद्वाज जोगिन्दर नगर क्षेत्र के हज़ारों युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में अभय ने बिना किसी ट्यूशन और अन्य सहायता के, अपनी मेहनत के दम पर फिजिक्स साइंटिस्ट बनने के अपने सपने को साकार किया है उससे युवा सीख ले सकते हैं।

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