हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां के पहाड़ों की खूबसूरती देखने आते हैं। यहां के घने जंगलों में वे शुद्ध हवा का आनंद लेते हैं और बर्फ से ढकी पहाड़ियां उन्हें सुकून देती हैं।
ये जंगल और पहाड़ हिमाचल की धरोहर हैं। ये केवल देखने में ही खूबसूरत नहीं हैं, बल्कि अपने आप में कई चीजों का खजाना भी छुपाए हुए हैं, जिनमें से एक है जंगली सब्जियां।
हिमाचल के जंगलों में मिलने वाली सब्जियां खाने में जितनी लजीज होती हैं उतनी ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती हैं, और अब ये सब्जियां पहाड़ी लोगों की आय का भी प्रमुख साधन बन गई है।
आपको बता दें कि भारत की सबसे महंगी सब्जी भी हमारे हिमाचल के जंगलों में पाई जाती है। आइए इन सब्जियों के बारे में विस्तार से जानते है।

हिमाचल के जंगलों में पाई जाने वाली सब्जियों का जब भी जिक्र होता है तो सबसे पहले नाम आता है गुच्छी का। गुच्छी भारत की सबसे महंगी सब्जी है और कई औषधीय गुणों से भरपूर है।
इसका वैज्ञानिक नाम मार्केला एसक्युलेंटा है। स्थानीय भाषा में इसे डूंगलू, चेंऊ, रोंटू, छतरी, चटमोर के नाम से भी पुकारा जाता है। गुच्छी को जंगल से लाकर घर पर सुखाया जाता है, हालांकि सूखकर इसका वजन बहुत कम हो जाता है।
बता दें कि बाजार में गुच्छी की कीमत 30 से 35 हजार प्रति किलोग्राम बताई जाती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ का कहना है कि गुच्छी चमत्कारी और औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
इसमें आयरन, विटामिन बी और सी के अतिरिक्त अमीनो एसिड और खनिज तत्व भी पाए जाते हैं।


पहाड़ों में उगने वाली यह सब्जी लोगों को बेहद पसंद आती है। आज-कल सब्जियों की दुकानों पर आपको लींगड़ की सब्जी जरूर मिलेगी।
लींगड़ उन जगहों पर मिलता है जहां पर ज्यादा नमी होती है, जैसे जंगल में नदी-नालों के किनारे आपको यह सब्जी मिल जाएगी।
इसके साथ ही जिन खेतों में ज्यादा नमी होती है वहां पर भी लींगड़ की सब्जी उगती है। कई लोग इसका आचार भी बनाते हैं जो बेहद स्वादिष्ट होता है। लीगड़ की सब्जी बाजार में काफी अच्छी कीमत पर बिकती है।
बता दें कि लींगड़ में मैग्नेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटाशियम, आयरन, जि़ंक, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स तथा कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
इतना ही नहीं इस सब्ज़ी को मधुमेह, हृदय और लिवर की बीमारियों, कुपोषण से बचाव, चर्म रोग तथा इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में बहुत ही लाभदायक माना गया है।


हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में मिलने वाले जंगली मशरूम की सब्जी बहुत कम लोगों ने खाई होगी। क्यूंकि यह बाजार में ज्यादा नहीं मिलती है। इसको कई जगह स्थानीय भाषा में छाची भी कहते हैं।
देखने में यह आम मशरूम की तरह लगती है। ये गहरे लाल और थोड़े भूरे रंग के होते है। जंगली मशरूम की पहचान करना मुश्किल होता है, क्यूंकि जगलों और कई तरह के मशरूम पाए जाते है जिनमें कुछ खाने के योग्य होते है और कुछ बहुत जहरीले भी होते है।
केवल स्थानीय लोग ही इसे अच्छे से पहचान पाते है। अगर आप गलत मशरूम का चयन कर लें तो वे सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
इसके अलावा और भी बहुत सी सब्जियां जंगलों में पाई जाती है, जैसे जिला कुल्लू के बाह्य सराज में मगुट, चुआ, लुदा इत्यादि जंगली सब्जियां पाई जाती हैं। क्या अपने भी कभी ये सब्जियां खाई है, कमेंट करके हमें जरूर बताएं।
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