HRTC डिपो और लड़ भड़ोल में सरकारी कॉलेज के लिए CITU कार्यकर्ता लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं. CITU अध्यक्ष श्री खुशहाल भारद्वाज के अनुसार कुछ जरूरी मांगे हैं जिनका सरकार लम्बे समय से अनदेखी करती आ रही है।श्री खुशहाल भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत स्थानीय समस्याओं की व्याख्या तथा उनके प्रस्तावित समाधान इस प्रकार हैं।
जोगिन्दर नगर में डिपो क्योँ जरुरी है?
- डिपो न होने की वजह से जोगिन्दर नगर में मात्र 17 बसें हैं जो 121 रूटों का भार ढो रही हैं, अगर एक नया रूट शुरू किया जाता है तो 10 दुसरे रूट प्रभावित हो जाते हैं.
- सबसे खटारा किस्म की बसें जोगिन्दर नगर में चलाई जा रही हैं… जो कभी भी कहीं भी हांफ जाती हैं . और फिर कई रूट प्रभावित रहते हैं … यहाँ स्टाफ की भी भरी कमी है जिस से कम कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ रहता है.
- मंडी से लड़ भड़ोल तक 120 किलो मीटर के क्षेत्र में कोई डिपो नहीं है जबकि मंडी और सुंदर नगर की दूरी 23 किलोमीटर, सरकाघाट और धर्मपुर की दूरी 21 किलोमीटर, बैजनाथ और पालमपुर की दूरी 15 किलोमीटर है और इन सभी जगह डिपो हैं, तो फिर जोगिन्दर नगर की ही अनदेखी क्योँ ?
- डिपो खुलने से न केवल नई बसें आएँगी, बल्कि वर्कशॉप भी खुलेगी, ज्यादा स्टाफ आयेगा, बस अड्डे का विस्तार होगा और सबसे बढ़ कर जोगिन्दर नगर की जनता को बसों की सुविधा मिलेगी…
लड़भड़ोल में कॉलेज क्योँ जरूरी है?
- 18-20 पंचायतों का क्षेत्र जहां से जोगिन्दर नगर और बैजनाथ की दूरी बहुत ज्यादा है..
- एक मात्र तहसील जहां कॉलेज नहीं है…
- अगर भड़ोल में कॉलेज खुलता है तो गरीब मजदूर-किसान के बच्चे भी जैसे-तैसे कॉलेज की पढ़ाई कर सकते हैं ख़ास कर लड़कियों को भी कालेज की पढ़ाई नसीब होगी…
- अब तक सभी सरकारों ने दोनों मांगों की हमेशा ही अनदेखी की है…
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