देवों के देव महादेव ने एक बार फिर से पृथ्वी पर आए संकट को आसमानी बिजली के रूप में अपने ऊपर धारण कर लिया है। आसमानी बिजली गिरने से बिजली महादेव में प्राचीन शिवलिंग खंडित हो गया है।

पिछले करीब 6 दिन से बिजली महादेव मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह घटना 12 वर्षों से भी अधिक समय के बाद घटी है।
जब-जब सृष्टि पर बड़ा संकट आता है, तब महादेव उसे इस प्रकार से अपने ऊपर लेते हैं। श्रद्धालुओं व पर्यटकों को मंदिर तक जाने से रोकने के लिए रास्ते में देव कारकूनों को तैनात किया गया है। उन कारकूनों से मिलने के बाद पर्यटक वापस लौट रहे हैं।
हारयान क्षेत्र व आसपास के गांवों तथा समस्त देवलुओं के लिए यह एक ऐसा दौर होता है, जिसमें देव, दानव, मानव, सजीव जगत के हर जीव, यहां तक कि वनस्पति, नदियां, पहाड़, जमीन सहित समस्त सृष्टि के कष्टों का हरण करने वाले भगवान शिव को कष्ट में माना जाता है।
समूचे क्षेत्र में शोक जैसा माहौल है और क्षेत्र की महिलाओं ने शृंगार करना छोड़ दिया है। हर घर में सात्विक भोजन बन रहा है। ऐसा तब तक चलेगा जब तक भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग पूर्व स्थिति में नहीं आ जाता।
शिवलिंग को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए हजारों वर्षों से चली आ रही देव परंपरा के अनुसार राज दरबार से पगड़ी लाई जाएगी और हारयान क्षेत्र से मक्खन ले जाकर उसे शिवलिंग में लगाया जाएगा।
पगड़ी से शिवलिंग को बांधा जाएगा। जब शिवलिंग पूर्व जैसी स्थिति में आएगा तो इसका संकेत स्वयं महादेव देव कारकूनों को देंगे। इसके लिए अभी कुछ और दिन लग सकते हैं।
अब मंदिर को आम लोगों के लिए बंद करके पुजारी, कारदार सहित कुछ गिने चुने मुख्य देव कारकून ही मंदिर में मौजूद हैं।
मंदिर में नहीं जा पाएंगे पर्यटक व अन्य लोग : कारदार
बिजली महादेव के कारदार विनेंद्र ने कहा कि इन दिनों किसी को भी बिजली महादेव में दर्शनों के लिए आने की अनुमति नहीं है। न तो पर्यटक न अन्य लोग वहां जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में गुप्त जाप चल रहा है।