मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पांच दिन के दिल्ली दौरे में केंद्र सरकार के सामने आत्मनिर्भर हिमाचल का प्लान रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की मीटिंग से लेकर उनसे निजी मुलाकात में भी ये तथ्य सामने रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने हिमाचल के संदर्भ में मुख्यत: तीन बातें रखी हैं।
उन्होंने कहा है कि यदि यह काम हो जाए, तो हिमाचल 2032 तक आत्मनिर्भर बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि भारत सरकार में लंबित हिमाचल के पैसे को जल्दी जारी किया जाए।
इस लंबित भुगतान में बरसात में आई आपदा की पोस्ट डिजास्टर नीड असेस्मेंट यानी पीडीएनए, बीबीएमबी एरियर और एनपीएस शेयर इत्यादि शामिल हैं, जिनमें करोड़ों का भुगतान बाकी है।
यह राज्य का पैसा है, लेकिन कुछ कारणों से अटका पड़ा है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल की नदियों के बहते पानी से संबंधित मसला भी उठाया है, जो हिमाचल के लिए कमाई का साधन है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि भारत सरकार की कंपनियों की बिजली परियोजनाओं से हिमाचल को नई पॉलिसी के आधार पर हक मिले।
इन्हें हिमाचल सरकार की ऊर्जा नीति के अनुसार 40 साल के बाद वापस किया जाए। फ्री बिजली की रॉयल्टी को भी 12, 18 और 30 फीसदी के आधार पर लागू किया जाए।
पॉलिसी से पहले लगे बिजली प्रोजेक्ट वर्तमान में इन नियमों को नहीं मान रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तीसरी बात पर्यावरण और देश के लिए हिमाचल के जंगलों के योगदान को लेकर कही है।
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार पहाड़ी राज्यों की जरूरत को समझे और कठिनाइयों को भी। हिमाचल जंगल बचा रहा है और इसका पूरे देश को फायदा हो रहा है। इसके बदले हिमाचल को ग्रीन बोनस दिया जाना चाहिए।
यह मांग इस बार वित्त आयोग के सामने भी राज्य सरकार की ओर से दिए गए एडिशनल मेमोरेंडम में भी रखी गई है। हालांकि राज्य सरकार को सबसे पहले लोन लिमिट बढ़ाने की मांग पर फैसले का इंतजार है, क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान कम होने के कारण इस साल ज्यादा लोन चाहिए होगा।
आज लौटेंगे मुख्यमंत्री, ले सकते हैं कई बड़े फैसले
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली प्रवास से सोमवार को वापस लौट रहे हैं। उनके दिल्ली दौरे के दौरान विमल नेगी केस के बाद शिमला में कई तरह की हलचल हो गई, इसलिए मुख्यमंत्री के शिमला लौटते ही कई बड़े फैसले हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस केस में खुद की लड़ाई में किरकिरी करवाने वाले सरकारी अधिकारियों पर भी कार्रवाई कर सकते हैं।