समूचे देश में दीवाली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है लेकिन प्रदेश में सिरमौर जिला के तहत राजगढ़, नौहराधार, हरिपुरधार, रेणुका व शिलाई आदि क्षेत्र में दीवाली का पर्व ठीक एक महीने बाद मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 23 नवम्बर अमावस्या से आरम्भ होगा और लगभग 7 दिनों तक चलेगा।
इस त्यौहार को बूढ़ी दीवाली या मशराली कहा जाता है। बूढ़ी दिवाली का शुभारंभ ग्राम देवता की पूजा व मशाल यात्रा के साथ होता है। माना जाता है बूढ़ी दीवाली पर बुरी आत्माओं को गांवों से बाहर खदेड़ने के लिए मशाल यात्रा निकाली जाती है।
मान्यता है कि गिरिपार क्षेत्र में सत्युग से लेकर बूढ़ी दीवाली की रिवायत चली आ रही है। बूढ़ी दीवाली पर्व की शुरूआत पोष माह की अमावस्या की रात को गांव के सांझे प्रांगण में अलाव जलाकर और अगली सुबह मशाल यात्रा निकालकर होती है। इन 7 दिनों तक घरों में पारम्परिक व्यंजन बनाए जाते हैं।