देवता-डायनों के बीच हुए युद्ध का आया एक परिणाम

हिमाचल प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर बीते दिनों देवताओ और डायनों में एक के बाद एक कई युद्ध हुए और अब युद्ध का परिणाम सामने आ गया है।

परिणाम क्या रहा है ये भी हम आपको बताएंगे लेकिन पहले आप ये जान लें कि युद्ध में कई देवताओं को चोटें आई हैं। युद्ध के बात धर्मशाला स्थित देवता इंद्रूनाग अपने स्थान पर वापस लौट आए हैं।

इंद्रूनाग के खनियारा पहुंचने पर विशेष पूजा-पाठ व खेलपात्र का भी आयोजन किया गया। खनियारा में ही अघंजर महादेव मंदिर के ठीक सामने स्थित बहन कोटसनी के घर में पहुंचकर प्राथमिक उपचार करवाकर इंद्रूनाग देवता छड़ी यात्रा व सैंकड़ों लोगों के जयकारे के साथ खनियारा स्थित अपने मंदिर में पहुंचे।

धर्मशाला से हमारे संवाददाता नरेन और विनोद कुमार ने ग्राउंड जीरों से इस अदभुत दृश्य को कैद किया है। देखिए ये खास रिपोर्ट

विपिन, इंद्रूनाग मंदिर खनियारा के पुजारी

खैर दिन भर इंद्रुनाग के घर पर मंगलवार को भीड़ लगी रही। भक्त बड़ी बेसबरी से इंतजार करते रहे कि आखिर युद्ध का फैसला क्या होगा। ये साल आम लोगों के लिए कैसा रहने वाला है.

कई स्थानों पर मान्यता है कि डायनों का जीतना फसलों के लिए काफी अच्छा रहता हैं. मगर कई जगह काफी जान माल का नुकसान हो सकता है।

हालांकि इंद्रुनाग ने गुर के माध्यम से ये आश्वासन लोगों को दिया है कि क्षेत्र में सुख-शांति व खुशहाली रहेगी। इंद्रूनाग ने अपने गुर के माध्यम से क्षेत्र में बारिश होने से नुक्सान न होने की बात कही है, और रक्षा करने का भी आशीर्वाद भक्तों को दिया है।

यहीं नहीं इंद्रूनाग के गुर ने खेल पात्र के दौरान बताया कि डायनों से युद्ध के दौरान इंद्रूनाग देवता व उनके भाईयों को कितनी चोट आई थी.

उन्होनें बताया कि तोरल नाग, मतड़ानाग को तीन-तीन व बुडू नाग को दो घाव लगे हैं, जबकि आधा दर्जन के करीब बरछे यानी भाले की मार भी लगी है।

अब गुर के बताए अनुसार आगामी पांच दिनों तक मक्खन-चंदन लेप से इंद्रूनाग देवता का उपचार किया जाएगा। इसके बाद राधाष्टमी के पवित्र पर्व पर देवता मणिमहेश में स्नान करने जाएंगे।

इसके साथ ही धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित नागडल में भी स्नान करेंगे, इसके बाद थातरी के रास्ते सम्ब्रलाहड़ स्थित उखाड़ा मंदिर से चार सितंबर गुरूवार को भव्य खेल पात्र व पूजा पाठ के साथ खनियारा स्थित मंदिर में लाया जाएगा।

जिसके बाद गुर ने तीन वर्ष में होने वाली इंद्रूनाग देवता की विशेष पूजा-पाठ करने की तैयारी करने के भी संकेत दे दिए हैं। जिसके बारे में अब गुरूवार को होने वाले खेल पात्र में ही स्पष्ट रूप से बताया जाएगा।

तब तक इंतजार करना होगा देवता के अगले संकते के बारे में। खैर फिलाहाल राहत यही हैं कि देवता इंद्रुनाग ने इलाके में सुख शांति की बात कही हैं।

जोगिन्दरनगर की लेटेस्ट न्यूज़ के लिए हमारे फेसबुक पेज को
करें।