हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड छात्रों की पास प्रतिशता बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल करने जा रहा है। इसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र से यानी मार्च 2025 से यह नई व्यवस्था लागू होगी।
अगले वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के दौरान किस प्रश्न का कितना उत्तर लिखने पर कितने अंक मिलेंगे, इस बारे में 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राएं स्वयं भी जान सकेंगे।
बोर्ड ने स्टेप वाइज मार्किंग का हल छात्रों को समझाने के लिए मॉडल प्रश्नपत्रों को तैयार किया है। छात्रों को इसका लाभ यह होगा कि स्टेप वाइज मार्किंग सिस्टम शुरू होने से विद्यार्थी उस प्रश्र को नहीं छोड़ेंगे जो उन्हें पूरा नहीं आता होगा।
यानी आधा या प्रश्र का कुछ हिस्सा हल करने पर भी छात्रों को उत्तर देने के बदले अंक दिए जाएंगे।
इससे पहले ऐसे होता था कि विद्यार्थी को किसी प्रश्र का आधा-अधूरा उत्तर आता हो तो वह उस प्रश्र का उत्तर देने के बजाए छोड़ देते थे, लेकिन अब विद्यार्थी कम से कम उतने स्टेप जरूर हल करेंगे, जितने उन्हें आते हैं।
इसमें बड़ी बात यह है कि छात्रों को पता होगा कि स्टेप्स को लिखने के उन्हें अंक मिलेंगे, तो वे प्रश्न को कुछ न कुछ हल कर कम से कम आधा अंक तो पा ही सकेंगे।
इस तरह छात्र कोई भी सवाल नहीं छोड़ेंगे। इस मार्किंग सिस्टम को छात्र अच्छे से समझकर तैयारी करेंगे तो फेल नहीं होंगे और उनके अंक भी अच्छे आएंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अगले शैक्षणिक सत्र के तहत मार्च 2025 में होने वाली परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों को यह नई सुविधा प्रदान करेगा।
नए पैटर्न पर फोकस
बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा का कहना है कि अब शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए नए पैटर्न में आने वाले प्रश्नों के मॉडल प्रश्नपत्रों को हल कर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया है।
छात्र उन्हें अपलोड कर स्वयं जान पाएंगे कि पेपर को सॉल्ब कैसे करना है शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के मॉडल प्रश्नपत्रों को हल कर स्टेप वाइज मार्किंग के साथ वेबसाइट पर डाला है।