आज से प्रदेश में तीसरी से सातवीं के छात्रों की लगेंगी रेगुलर कक्षाएं

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दो साल बाद छोटी कक्षाओं यानी तीसरी से सातवीं के करीब पांच लाख बच्चे स्कूल आएंगे। प्रदेश सरकार ने भले ही स्कूलों को खोलने का फैसला ले लिया है, लेकिन अभिभावक मंगलवार को इस चिंता में रहे कि कैसे वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

सरकारी स्कूलों में अभिभावक जहां बच्चों को भेजने के लिए तैयार दिखे, वहीं निजी स्कूलों के अभिभावकों का कहना था कि साल खत्म होने को अब केवल दो माह बचे हैं, ऐसे में एकदम से स्कूल खोलने का फैसला सही नहीं है। अब केवल दो माह के लिए वर्दी खरीदनी पड़ेगी।

वहीं बच्चों को स्कूल भेजने के लिए टैक्सी कैसे हायर होगी। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित है। हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए पहले ही एसओपी जारी की है और उसी एसओपी के तहत बच्चे स्कूल आएंगे। सर्दी-जुकाम वाले छात्रों को स्कूल आने पर पूरी तरह से मनाही है।

वहीं स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग और प्रॉपर सेनेटाइजेशन के बाद ही प्रवेश मिलेगा, लेकिन उसके बाद भी अभिभावक छोटे बच्चों को भेजने का रिस्क नहीं लेना चाहते। इससे पहले 8वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए जब स्कूल खोले गए हैं। अब तक स्कूलों में 800 से ज्यादा बच्चे पॉजिटिव आ चुके हैं।

वहीं कोविड से कांगड़ा जिला की एक छात्रा की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब अभिभावक छोटे बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। गौर रहे कि तीसरी से सातवीं कक्षा के बच्चे बुधवार से स्कूल आएंगे, जबकि पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे 15 नवंबर से स्कूल आएंगे।

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