हिमाचल के बच्चे कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बात का खुलासा आईसीएमआर के सर्वे में हुआ है। इस सर्वे के मुताबिक हिमाचल के 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी मजबूत पाई गई है। ऐसे में जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए घबरा रहे है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।
दरअसल छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से पहले आईसीएमआर सर्वे करवाया गया है। बच्चों के इम्युनिटी लेवल को देखते हुए ही स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है। इस सर्वे को हिमाचल प्रदेश में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के साथ भी साझा किया जाएगा।
सर्वे की रिपोर्ट के बाद हिमाचल सरकार ने राहत की सांस ली है। ऐसे में आईजीएमसी के चिल्ड्रन वार्ड के डाक्टरों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कोरोना का खतरा अभी भी है, लेकिन यदि सावधानी बरतें, तो संक्रमण से बचा जा सकता है। स्कूल खुलने का फैसला अच्छा है, बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए कोरोना नियमों का पालन करना जरूरी है। समाजिक दूरी बनाए रखें, मास्क पहन कर रखें।
यदि बच्चो को खांसी, सर्दी जुकाम हो, तो बच्चों को स्कूल न भेजें और तुरंत अस्पताल में चैक करवाएं। उनका कहना है कि अभी हाल ही में आईसीएमआर द्वारा छोटे बच्चों पर सर्वे करवाया गया था, जिसमें यह सामने आया है कि 80 फीसदी बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रांग है।
आईजीएमसी चिल्ड्रन ओपीडी में डाक्टर विपिन ने बताया कि स्कूल में बच्चों को भेजने से अभिभावकों को घबराने की आवयश्कता नहीं। केवल सामाजिक दूरी का पालन करें। बच्चों का इम्युनिटी लेवल और बढ़ाने के लिए बच्चों को सब्जी और फलों का सेवन करवाएं। कोरोना का इतना फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब कोरोना धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है।