आज से पवित्र सावन का महीना हुआ शुरू

सावन का महीना आज यानी 14 जुलाई से आरंभ हो चुका है। सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि यह माह भगवान भोले भंडारी को बेहद ही प्रिय होता है। भगवान शिव की पूजा-आराधना और हर तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए सावन का महीना बहुत ही खास माना जाता है।  इस बार सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है जोकि 12 अगस्त तक रहेगा।

श्रावण माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना साल का पांचवां माह होता है। इस माह में सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीर सागर में माता लक्ष्मी के साथ  योगनिद्रा में चले जाते हैं, ऐसे में सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान शिव के कंधों पर आ जाती है। सावन के महीने के दौरान आने वाले सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है।

सावन सोमवार में शिवलिंग का जलाभिषेक,बेलपत्र और भोलेनाथ की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। सावन महीने में कांवड़ यात्राएं निकाली जाती है जिसमें पवित्र नदियों से गंगाजल लेकर प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। इसके अलावा शिव भक्त सावन के महीने में बड़ी संख्या में ज्योर्तिलिंग के दर्शन और पूजा-पाठ करते हैं। आइए जानते हैं 14 जुलाई से शुरू होने वाले सावन के महीने का महत्व, पूजा पाठ करने की विधि और सावन कैलेंडर 2022 के जरिए करते हैं भगवान भोलेनाथ के दर्शन

सावन शुभ योग और सोमवार की तिथियां
सावन का महीना सनातन धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। सावन का पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए समर्पित होता है।

सावन के महीने में भोलेभंडारी जल्दी से प्रसन्न होकर भक्त की हर मनोकामना को पूरी करते हैं। इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है जो 12 अगस्त तक चलेगा। इस साल सावन के महीने में 4 सोमवार पड़ेंगे और सावन महीने की शुरुआत विष्कुंभ और प्रीति योग में होगी।

शिवधाम के नाम से प्रसिद्ध है कांगड़ा घाटी में स्थित बैजनाथ शिव मंदिर

 

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