शिमला : महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्तूबर को हिमाचल प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन विशेष ग्रामसभाओं में अंतरराष्ट्रीय आपदा से बचाव पर चर्चा की जाएगी।
इस वर्ष समर्थ कार्यक्रम का 13वां संस्करण आयोजित होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि आपदा प्रबंधन में ग्रामीण स्तर पर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभा में मानसून से संबंधित आपदा, भूस्खलन, भूकंप, आग, हवा आदि जैसे प्राकृतिक खतरों से निपटने के लिए सुरक्षित समाधानों को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बैठक में भूस्खलन शमन गतिविधियों, सुरक्षित निर्माण पद्धितियों व ग्रामीण स्तर पर पारम्परिक निर्माण पद्धतियों को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी। भवन निर्माण के लिए पहाड़ी की असुरक्षित कटाई व उसके प्रभाव, मलबे के सुरक्षित निपटारे और वर्षा जल की समुचित निकास प्रणाली की आवश्यकता पर भी मंथन किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि ग्राम सभा के दौरान प्राकृतिक जल निकास क्षेत्रों में निर्माण को प्रतिबंधित करना, जल निकासी चैनलों के समुचित प्रबन्धन, गांवों और घरों में आग के प्रति संवेदनशीलता व सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।
बैठक के दौरान आपदा के प्रभावों को कम करने के दृष्टिगत विभिन्न उपायों, भूकंपरोधी घरों व भवनों के निर्माण पर बल देने सहित पहले से बने घरों को मज़बूत करने संबंधी चर्चा की जाएगी।
इस दौरान ग्रामीण स्तर पर आसपास के खतरों की पहचान कर उनके प्रभावों को कम करने, ग्रामीणों को आपदाकालीन किट जिसमें सूखा भोजन, आवश्यक दवाएं तथा आपातकालीन चिकित्सा प्राथमिक किट तैयार रखने पर भी जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोगों को खोज एवं बचाव प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के टोल-फ्री नंबर 1070 से जानकारी हासिल करने का परामर्श भी दिया जाएगा।