शिमला : कोरोना के कारण पहले केंद्र सरकार के निर्देशों पर हिमाचल में लॉकडाउन किया गया था, जिससे शुरुआत में तो सब ठीक रहा, मगर अब जब लॉकडाउन खुल चुका है, तो हालात नासाज हो गए हैं। ऐसे हालातों में अब सरकार ने जनता से ही पूछा है कि वह प्रदेश में फिर से लॉकडाउन चाहती है या नहीं। सरकार इस बार खुद पर जोखिम नहीं लेना चाहती है, बल्कि लोगों की राय इस संबंध में जानने के बाद ही आगामी निर्णय लेने की सोच रही है।
शुरू हुआ सर्वे
इसके लिए एक सर्वेक्षण सरकारी एजेंसी के माध्यम से शुरू करवा दिया गया है। जानकारी के अनुसार हिमाचल जीओवी डॉट इन नामक सरकारी वेबसाइट पर सरकार ने सर्वे शुरू किया है, जिसमें लोगों से पूछा है कि वे प्रदेश में आगे क्या चाहते हैं।
जनता की ली जाएगी राय
क्या यहां पर लॉकडाउन एक दफा फिर से लगना चाहिए या फिर नहीं। इस बार जनता की राय के बाद ही सरकार कोई निर्णय लेगी। वर्तमान में हालात काफी ज्यादा बिगड़ चुके हैं। यहां पर दो हजार से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जबकि एक समय था, जब प्रदेश में एक ही एक्टिव मामला रह गया था।
एक्टिव केस 845
अब प्रदेश में एक्टिव केस 845 के आसपास पहुंच गए हैं। रोजाना यहां पर अब 50 से ऊपर पॉजिटिव सामने आने लगे हैं। इन बेकाबू होते जा रहे हालातों में अभी नाहन में लॉकडाउन किया गया है, तो वहीं बीबीएन एरिया में कर्फ्यू लगाया गया है।
लॉकडाउन जरूरी
जिस तरह से हालात हो रहे हैं, उससे लगता है कि प्रदेश भर में एक दफा फिर से लॉकडाउन होना जरूरी है। ऐसा अधिकांश लोग मानते हैं, मगर सच्चाई यह भी है कि यदि लॉकडाउन होता है, तो प्रदेश के आर्थिक हालात और खराब हो जाएंगे, जो वर्तमान में पटरी पर लौटने शुरू हुए ही हैं।
आम आदमी ज्यादा प्रभावित
केवल सरकार के ही नहीं, बल्कि आम आदमी भी इससे काफी ज्यादा प्रभावित होता है, जिसके पास रोजगार नहीं रहता। यहां बहुत बड़ा वर्ग है, जिसको अपनी रोजी-रोटी के संकट से गुजरना पड़ रहा है। इसके साथ कई सरकारी बोर्ड व निगम ऐसे हैं, जिनके कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ चुके हैं। इसमें एचआरटीसी व पर्यटन निगम प्रमुख हैं।
लाखों लोग हैं बेरोजगार
वहीं राज्य का टूरिज्म सेक्टर और इससे जुड़े लाखों लोग आज बेकार हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है। इस तरह की व्यवस्थाओं में अब सरकार ने ही जनता से पूछ लिया है कि वह क्या चाहती है कि प्रदेश में लॉकडाउन लगे या फिर नहीं। हिमाचल जीओवी डॉट इन पर सर्वेक्षण किया जा रहा है और पहली अगस्त तक एक सप्ताह का यह सर्वे चलेगा, जिसमें जनता की राय को महत्त्व दिया जाएगा।