जोगिन्दरनगर : यह समस्त क्षेत्रवासियों के लिए हर्ष का विषय है कि प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद अब शानन रोपवे के दिन फिरने वाले हैं. जल्द ही इस रोपवे का जीर्णोद्धार होगा. सुन्दर वादियों से गुजरती हुई यह ट्रॉली विच कैम्प से होते हुए हैड गेयर और कठैहरू तक भी पहुंचेगी.
कठैहरू तक हुआ था रोपवे का निर्माण
वर्ष 1925 में अंग्रेजों के द्वारा 110 मेगावाट शानन पं विद्युत् परियोजना के निर्माण के दौरान शानन से हैड गेयर कठैहरू तक रोपवे का निर्माण किया गया था. रोपवे में तरौली के माध्यम से परियोजना की भारी मशीनरी, पाइपलाइन और तकनीकी कर्मचारियों का आवागमन शुरू हुआ था.
लम्बे समय से बेपरवाह था प्रबन्धन
लम्बे अरसे से ट्रॉली के रोपवे की मुरम्मत एवं रख रखाव पर परियोजना प्रबंधन बेपरवाह बना हुआ था. जिस पर एक याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दर्ज़ की गई थी. मार्च माह में उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य वन विकास निगम को शानन हाइडल प्रोजेक्ट में ढुलाई ट्रॉली के रखरखाव के लिए आवश्यक देवदार लकड़ी के 22550 स्लीपर आपूर्ति करने के आदेश पारित किये हैं. जिससे एतिहासिक रोपवे का जीर्णोद्धार जल्द ही होगा.
खस्ताहाल था ट्रैक
प्रदेश उच्च न्यायालय ने शानन परियोजना प्रबंधन को रोपवे को हेडगेयर और कठैहरू तक दुरुस्त करने के लिए चेताया है. इससे ट्रॉली का आवागमन भी हेडगेयर तक संभव हो पायेगा. इससे पहले विच कैम्प से आगे का ट्रैक खस्ताहाल होने के कारण ट्रॉली को आगे नहीं ले जाया जा रहा था.
युद्धस्तर पर शुरू होगा काम
उच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करते हुए परियोजना प्रबंधन ने आगामी कार्यवाही भी शुरू कर दी है. वन निगम को लिखित पत्र ज़ारी कर देवदार के स्लीपरों की निविदाएँ भी आमंत्रित की गई हैं. परियोजना में लकड़ी के स्लीपरों के पहुँचते ही रोपवे की मुरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू होगा.
8300 फीट की ऊँचाई पर स्थित है हेडगेयर
शानन से करीब 8300 फीट ऊँचाई पर स्थित हेडगेयर में ट्रॉली को पहुँचने के लिए करीब 3.2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. शानन परियोजना के डिप्टी इंजीनियर बीएस मठहारू का कहना है कि एतिहासिक ट्रॉली की भी जल्द ही इस ट्रैक पर आवाजाही शुरू होगी.