19 नवम्बर 2021 को साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा जो कि आंशिक चंद्रग्रहण होगा जब चंद्रमा कुछ घंटों के लिए पृथ्वी की छाया में ढक जाएगा।
भारत में आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 19 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से होगी और यह चार बजकर 17 मिनट तक दिखाई देगा। इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि तीन घंटे 28 मिनट और 24 सेकंड होगी। इससे पहले इतना लंबा चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था।
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में यह सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा तथा यह मौका 580 साल बाद आया है। हालांकि चंद्र ग्रहण अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। पंडित विपन शर्मा ने बताया कि इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ग्रहण की शुरुआत से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्रग्रहण माना जाता है लेकिन अगर चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर आ जाता है, तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं।
ज्योतिषी में भी उपछाया को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है। इस लिहाज से उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है।
सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है कि चांद धरती की छाया से छिप जाता है। यह तभी संभव है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक-दूसरे की बिलकुल सीधे में हों। पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है, इसी वजह से इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।