हिमाचल सरकार की अधिसूचना के बाद प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस सत्र से पहली से पांचवी तक अंग्रेजी मीडियम को लागू कर दिया गया है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से विंटर क्लोजिंग स्कूलों के लिए अंग्रेजी मीडियम में पुस्तकें भेज दी गई हैं और आने वाले दिनों में समर क्लोजिंग स्कूलों के लिए किताबें भेजने का प्रोसेस शुरू होगा।
चूंकि इस साल सरकार ने पहली से पांचवी तक केवल अंग्रेजी मीडियम ही लागू करने के निर्देश जारी किए हैं, इस कारण जो बच्चे अभी तक हिंदी मीडियम में पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें दिक्कत आ सकती है।
दरअसल, पिछले साल पहली से तीसरी कक्षा तक ही अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में पढ़ाई करने का सरकार ने स्कूलों को विकल्प दिया था, लेकिन इस साल सरकार ने यह अधिसूचना जारी की है कि पहली से पांचवी तक केवल अंग्रेजी माध्यम में ही बच्चे पढ़ेंगे।
ऐसे में पहली तीन कक्षाओं में जिन बच्चों ने अंग्रेजी माध्यम से पड़ा, उन्हें अगली कक्षा में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने में दिक्कत नहीं है।
लेकिन ऐसे छात्र जो चौथी और पांचवी कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं, वे एकदम से हिंदी माध्यम से अंग्रेजी माध्यम में पहुंच गए हैं। ऐसे में मैथ और पर्यावरण जैसे विषय जो हिंदी माध्यम में भी बच्चों के लिए कठिन है, उन्हें अंग्रेजी माध्यम में पढऩे में दिक्कत आ सकती है।
इस बारे में स्कूल स्तर पर भी शिक्षा निदेशालय और बोर्ड को शिकायतें मिल रही हैं। शिक्षकों का यह कहना है कि जिन बच्चों ने पहली तीन कक्षा अंग्रेजी माध्यम में पढ़ी ही नहीं, वे चौथी और पांचवी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम में एकदम से पढ़ाई कैसे पूरी करेंगे।
इस बारे में सरकार से मांग की जा रही है कि बच्चों के लिए भले ही अंग्रेजी माध्यम लागू किया जाए, लेकिन हिंदी माध्यम का भी बच्चों को विकल्प रखा जाए।
वहीं, इस बारे में बोर्ड का कहना है कि सरकार ने जो आदेश लागू किए हैं, उन्हीं आदेशों का बोर्ड पालन कर रहा है। पिछले साल अंग्रेजी और हिंदी दोनों का विकल्प दिया गया था, लेकिन इस साल पहले से पांचवी तक हर हाल में अंग्रेजी माध्यम में ही पढ़ाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह बोले बोर्ड के सचिव
एचपी बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा का कहना है कि सरकार के आदेशों को ही स्कूलों में इस बार लागू किया गया है।
यदि शिक्षकों को दिक्कत आ रही है, तो वे इस मामले को सरकार और शिक्षा निदेशालय के समक्ष उठाएं। सरकार आदेश करती है, तो बच्चों को हिंदी माध्यम में भी पुस्तकें उपलब्ध करवाई जा सकती हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ बोला
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राम दत्त भारद्वाज ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने में शिक्षकों को दिक्कत नहीं है, लेकिन ऐसे बच्चे जो तीसरी तक हिंदी माध्यम में पढ़े हैं, वे चौथी और पांचवी कक्षा में एकदम से अंग्रेजी माध्यम से कैसे पढ़ेंगे। एसएमसी के माध्यम से इस परेशानी को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजे गए हैं।