शिमला : राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने ओल्ड पेंशन को लागू करने के लिए पुराना फार्मेट ही लिया है। इसके अनुसार रिटायर होने वाले कर्मचारी की आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन होगी। हालांकि यह नोटिफिकेशन जारी होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा।
इतना तय है कि जनवरी 2023 से ही भारत सरकार को जाने वाला एनपीएस कंट्रीब्यूशन रोक दिया है। इसी महीने ओल्ड पेंशन में आने वाले कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट भी खुलेंगे। कैबिनेट में हुए फैसले के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अभी वित्त विभाग को ओल्ड पेंशन को लागू करने की अप्रूवल कनवे नहीं की है।
सोमवार को यह कनवे हो सकती है। इसके बाद वित्त विभाग को ओल्ड पेंशन स्कीम को पुराने प्रारूप के अनुसार लागू करने के लिए स्कीम या रूल्स बनाने होंगे। इन रूल्स को विधि विभाग से वैट करवाना जरूरी है। वित्त विभाग ही यह मामला कानून विभाग के समक्ष टेकअप करेगा।
यह स्कीम होती है या रूल्स या फिर रेगुलेशन, लेकिन लॉ से स्क्रीन करवाने के बाद ही नोटिफिकेशन जारी होगी। पुरानी पेंशन योजना के अनुसार कुल पेंशन मनी का 40 फीसदी तक कर्मचारी कम्यूटेशन के जरिए एडवांस में ले सकता है। यह विकल्प भी एनपीएस से ओल्ड पेंशन में आने वाले कर्मचारियों को मिलेगा।
हालांकि राज्य सरकार ने पहले से ओल्ड पेंशन में चल रहे अपने कर्मचारियों के लिए कंप्यूटेशन के एरियर को लेकर अभी कोई आर्डर नहीं किया है। 2016 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों के लिए यह फैसला अभी सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को अलग से लेना होगा।
राज्य सरकार खुद कह चुकी है कि पेंशनरों का ही एरियर 5500 करोड़ से ज्यादा अभी बकाया है। यह कर्मचारियों के एरियर से ज्यादा है और इसकी एक वजह कंप्यूटेशन के एरियर का लंबित भुगतान भी है।
ओल्ड पेंशन के रूल्स में एक बात और बहुत स्पष्ट है कि पेंशन की पात्रता 10 साल की रेगुलर सर्विस के बाद ही बनेगी। यही शर्त एनपीएस से ओल्ड पेंशन में आने वाले कर्मचारियों पर भी लगेगी, इसलिए जिनकी 10 साल रेगुलर सर्विस नहीं बनेगी, उनके लिए अब भी न्यू पेंशन स्कीम ही एकमात्र विकल्प है।
यही वजह है कि नए रूल्स में कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन को ऑप्शनल किया जा रहा है, ताकि किसी को नुकसान न हो। न्यू पेंशन स्कीम में ही रिटायर हो चुके 13 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार क्या विकल्प देती है, यह नोटिफिकेशन से ही स्पष्ट होगा।