पद्धर : पद्धर उपमंडल के तहत स्थित कोटरूपी की दरकी पहाड़ी ने इस वर्ष भी बरसात में अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार रात हुई भारी बारिश ने पहाड़ी के मलबे को फिर से खोल कर रख दिया।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा यहां लगाई गई क्रेटवाल यानी सुरक्षा दीवारें ढहना शुरू हो गई है । ऐसे में लोगों को कोटरूपी में छह वर्ष पहले 13 अगस्त, 2017 की रात को हुई घटना याद आने लगी है।
उस हादसे में में एसआरटीसी की दो बसें जमींदोज हो गई थीं और उनमें सवार 48 यात्रियों की मौत हो गई थी। दो दिनों से हो रही रात को भारी बारिश ने पहाड़ी को कमज़ोर कर दिया है।
कोटरूपी में मंडी-पठानकोट नेशनल हाइवे-154 के किनारे बनी सड़क के नीचे की मिट्टी का कटाव शुरू हो गया है। इसके साथ ही ऊपर सड़क में दरारें आ गई हैं।
ऐसे में यदि बारिश का क्रम आगे भी जारी रहा, तो हाइवे फिर बंद हो सकता है। कोटरूपी में कई स्थानों से पानी का रिसाव भी शुरू हो गया है।
पहाड़ी से बहने वाले पानी की निकासी को बड़ी-बड़ी पाइपें जगह जगह बिछाई गई हैं, जो मुहाने से खोखली होती जा रही हैं।
आपदा प्रबंधन की ओर से इस वर्ष यहां सुरक्षा को लेकर कुछ खास इंतजाम नहीं दिख रहे हैं। इस बार पुलिस चौकियां भी तैनात नहीं की गई हैं।
प्रशासन द्वारा आईआईटी कमांद के माध्यम से लगाए गए दो सूचक यंत्र भी इस वर्ष मूक सूचक यंत्र बन कर रह गए हैं।