हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में दो दिन बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। होली पर्व तक मौसम साफ रहेगा। 19 और 20 मार्च को मध्य और उच्च पर्वतीय जिलों के कुछ भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। वहीं, प्रदेश भर में गर्मी लगातार बढ़ रही है।
बुधवार को ऊना में अधिकतम तापमान 35.7 और शिमला में 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मंगलवार रात को नाहन में सबसे अधिक 18.9 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के बारिश-बर्फबारी की संभावना से प्रदेश में तापमान गिरने के आसार हैं।
19 और 20 मार्च को मध्य पर्वतीय जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा और उच्च पर्वतीय जिलों किन्नौर व लाहौल-स्पीति में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में 20 मार्च तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहा।
अधिकतम व न्यूनतम तापमान
बुधवार को सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 34.7, चंबा 33.4, नाहन 32.8, भुंतर 32.7, सोलन-बिलासपुर 32.5, कांगड़ा 32.3, धर्मशाला 32.2, हमीरपुर 31.0, नाहन 29.9, शिमला 24.8, कल्पा 22.2, डलहौजी 21.5, कुफरी 19.0 और केलांग में 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
उधर, मंगलवार रात को नाहन में न्यूनतम तापमान 17.2, धर्मशाला 16.2, पांवटा साहिब 16.0, शिमला 15.4, हमीरपुर 15.0, बिलासपुर 14.5, मंडी 13.7, चंबा 13.6, मनाली 8.4, कल्पा 6.2 और केलांग में माइनस 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.
कोकसर का जल्द दीदार कर सकेंगे सैलानी
शीत मरुस्थल में घूमने आ रहे पर्यटक अब जल्द ही पर्यटन स्थल कोकसर का दीदार कर सकेंगे। अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल में सिस्सू के साथ कोकसर भी सैलानियों की पहली पसंद रहता है। डेढ़ सप्ताह पहले अटल टनल समेत सिस्सू पर्यटकों के लिए बहाल कर दिया था, लेकिन कोकसर अब तक बर्फ से ढका हुआ है। सड़क सुविधा नहीं होने से लोग आठ किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं।
ग्रामीणों ने जल्द सड़क बहाल करने की मांग की है। बीआरओ ने बुधवार को अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल से आगे तेलिंग जीरो प्वाइंट तक सड़क से बर्फ हटाई है, लेकिन कोकसर मार्ग को बहाल करने में समय लग सकता है। बीआरओ की मानें तो जल्द ही कोकसर को भी सड़क सुविधा से जोड़ने की योजना है।
जिला परिषद अध्यक्ष अनुराधा राणा ने बताया कि कोकसर तक सड़क बहाल करने के लिए बीआरओ से बात की गई है। सड़क बहाल होते ही कोकसर, रामथांग और डिंफुक के ग्रामीण अन्य घाटी से जुड़ जाएंगे, जबकि पर्यटक भी कोकसर तक दस्तक दें सकेंगे।