कोरोना संक्रमण की बंदिशों के कारण शादी समारोह के लिए अब प्रदेश सरकार से ऑनलाइन अनुमति लेनी पड़ेगी। अनुमति लेने के लिए इवेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर लोग आवेदन कर सकते हैं, लेकिन आवेदन के साथ-साथ लोगों को शादियों में आने वाले मेहमानों की लिस्ट भी अटैच करनी होगी।
लिस्ट अटैच करने पर ही लोगों को शादी समारोह में भाग लेने के लिए अनुमति मिलेगी। आने वाले दिनों में शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार ने शादियों में अनुमति लेने के लिए इवेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल शुरू कर दिया है। इस पोर्टल पर लोग अपने आयोजन को लेकर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
इसके बाद संबंधित एसडीएम के पास उनके क्षेत्र के समारोह की जानकारी चली जाएगी। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को लेकर सरकार ने अभी तक के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। केवल रजिस्ट्रेशन करने के बाद और अनुमति मिल जाने के बाद कार्यक्रम किए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि शादी समारोह के मुहूर्त पहले से ही तय हो जाते हैं । ऐसे में इन्हें बदलना लगभग नामुमकिन होता है। अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाए, तब भी मुहूर्त बदला नहीं जाता। ऐसे में हिमाचल में शादी समारोह के लिए सरकार ने पोर्टल शुरू कर दिया है।
इस इवेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर लोग सभी सामाजिक, शैक्षणिक मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनीतिक और विवाह समारोह सहित अन्य सभाओं की अनुमति ले सकेंगे। इसमें इंडोर आयोजन स्थल में अधिकतम 100 लोग और आउटडोर आयोजन स्थल में अधिकतम 300 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी। इसके अलावा धाम और सामुदायिक रसोई के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।
इतना ही नहीं आयोजकों को अनुमति देते समय कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रशासन अतिरिक्त शर्तें भी लगा सकता है। ऐसे में इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोविड -19 सुरक्षा उपाय आईपीसी की धारा 188 के और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 के प्रावधानों के अनुसार कारवाई की जाएगी।
सबसे पहले इवेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाकर इंवेट टाइप सिलेक्ट करना होगा। इवेंट टाइप में शादी, धार्मिक समारोह, राजनैतिक, मनोरंजन, सामाजिक कैटेगरी शामिल हैं। शादी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या, शादी में शामिल होने वाले लोगों की सूची अटैच करनी होगी। आयोजन स्थल का नाम, आयोजन की तिथि भरने के बाद आवेदन करने वालों का विवरण देना होगा। अगली श्रेणी में जिला तहसील, ब्लॉक, पंचायत, आवेदक का स्थाई पता व पुलिस थाना की जानकारी देनी होगी।