जन्माष्टमी पर्व पर मणिमहेश डल झील में करीब बीस हजार श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। इसके साथ ही उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का भी गुरुवार को अधिकारिक तौर पर आगाज हो गया है।
पिछले वर्षों की तुलना में यह पहला मौका है, जब जन्माष्टमी पर्व पर डल झील में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा इतना कम रहा है।
बहरहाल जन्माष्टमी पर्व का छोटा न्हौण संपन्न होने के बाद यात्रियों का डल झील की ओर जाने का सिलसिला बरकरार है। वहीं आगामी दिनों में अधिक संख्या में मणिमहेश यात्रा पर श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर बाद तीन बजकर 38 मिनट पर मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी पर्व पर होने वाला छोटा न्हौण शुरू हुआ था। वहीं गुरुवार शाम सवा चार बजे इसका समापन हो गया है।
मणिमहेश न्यास की मानें, तो छोटे न्हौण की इस समयावधि के बीच डल झील पर करीब बीस हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है।
रोचक है कि इस मर्तबा जन्माष्टमी पर्व के छोटे न्हौण के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब के श्रद्धालुओं का आंकडा कम रहा है, जबकि छोटे न्हौण में जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह और डोडा के मणिमहेश यात्रियों की संख्या श्रद्धालुओं में सबसे अधिक रही है।
इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के मणिमहेश यात्रियों ने भी जन्माष्टमी पर्व पर पवित्र स्नान डल झील में किया है। अहम है कि मणिमहेश यात्रा के अधिकारिक तौर पर आरंभ होने के बाद अब आगामी 16 दिनों तक डल झील की ओर यात्रियों के जाने का क्रम जारी रहेगा।
उधर, मणिमहेश मंदिर न्यास के सदस्य सचिव एवं एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व पर डल झील में करीब बीस हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है।
गुरुवार से यात्रा का अधिकारिक तौर पर आगाज हो गया है और 23 सितंबर को इसका समापन होगा। उन्होंने कहा कि यात्रा के विभिन्न सेक्टरों में 27 सिंतबर तक अधिकारी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।
जन्माष्टमी का पवित्र स्नान के संपन्न होने के बाद आगामी दिनों में मणिमहेश डल झील की ओर यात्रियों की भीड़ उमडऩे की उम्मीद है। क्योंकि शनिवार और रविवार को अवकाश है।
वहीं मौसम भी यहां पर खुला हुआ है। लिहाजा वीक ऐंड पर पड़ोसी पंजाब समेत आसपास के हिस्सों के साथ-साथ प्रदेश के अलग-अलग जिलों के यात्रियों के यहां आने की प्रबल उम्मीद है।