हिमाचली कला एवं संस्कृति को विश्व पटल पर दिलाएंगे पहचान : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा सेवाएं व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कला एवं संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाना उनका अगला लक्ष्य है। यहां की सांस्कृतिक विरासत और देव परंपरा का अपना एक अलग महत्त्व है। चंबा का रुमाल, कांगड़ा पेटिंग, शॉल व टोपी सहित राज्य में बनने वाले अन्य उत्पादों को विश्व पटल पर पहचान दिलाने की आवश्यकता है, जिसके लिए वह प्रयास करेंगे।

शिमला में पत्रकार वार्ता में अनुराग ठाकुर ने कहा कि यहां की कला, संस्कृति, नाट्य शैली व लोक गीतों में मिठास है, जिसको संरक्षण प्रदान करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार ओलंपिक खिलाड़ी 75 स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रेरित करेंगे।

हिमाचल प्रदेश से ओलंपिक में भाग लेने वाले दो खिलाड़ी वरुण कुमार और आशीष चौधरी भी राज्य में ऐसे 75 स्कूलों का भ्रमण करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए उन्हें देश और विदेश में प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध करवाए हैं।

 

 

 

 

 

खेल संघों पर नेताओं के काबिज होने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर नेता 10 काम कर सकता है, तो उसमें खेल संस्थाओं को चलाने की भी क्षमता है। उन्होंने कहा कि दिवंगत अरुण जेटली और शरद पवार जैसे नेताओं ने खेल के क्षेत्र में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासक, खिलाड़ी और कोच में अंतर होता है।

कई खिलाड़ी के रूप में बेहतर काम नहीं कर पाते, लेकिन कोच के तौर पर उनकी सेवाएं सराहनीय रहती हैं। सिरमौर जिला के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह इसके पक्षधर है। वह इस मांग को संसद में उठाते रहे हैं तथा इस राह में आने वाली पेचिदगियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला में खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करने के बाद अब शिमला को स्पोर्ट्स हब बनाने पर ध्यान देंगे।

आज जोगिन्दरनगर में अनुराग ठाकुर का भव्य स्वागत किया जाएगा. अनुराग ठाकुर अपने ससुराल मझारनू भी जाएँगे.

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