तत्तापानी (मंडी) : यदि आपको शनि बैठा है या फिर राहू व केतू ग्रह ने आपका जीना दुश्वार कर दिया है तो घबराएं नहीं। मकर संक्रांति के मौके पर मंडी जिला के तत्तापानी पहुंच जाएं। यहां स्नान व तुलादान करने से आपको तीनों ग्रहों के कष्टों से निजात मिलेगी।
यहां स्नान से मिलती है शनि, राहू व केतू ग्रह के कष्टों से मुक्ति
तत्तापानी जो मंडी-शिमला जिला की सीमा पर करसोग उपमंडल में सतलुज नदी किनारे स्थित है। तत्तापानी दो साल पहले तक सतलुज के किनारे से फूटते गर्म सल्फरयुक्त पानी के चश्मों के लिए विख्यात था। लेकिन सतलुज नदी पर बना 800 मेगावाट का कोल बांध इन गर्म पानी के चश्मों को पी गया। दो साल से लोग अब यहां कृत्रिम चश्मों में स्नान व सड़क किनारे तुलादान करवा रहे हैं।
मकर संक्रांति पर यहां तीन दिन का पर्व होता है। इसमें मंडी, शिमला, सोलन, बिलासपुर जिले के अलावा देश भर के कई राज्यों के लोग पुण्य स्नान करने व अपने ग्रहों को टालने के लिए तुलादान करवाने के लिए आते हैं। सैकड़ों की तादाद में पांडे सतलुज नदी किनारे विशाल परिसर में अपने अपने तराजू लगाकर तीन दिन तक तुलादान करवाकर लोगों के ग्रहों का टाला करते हैं। अपने आप में यह एक अनूठा नजारा होता है। अन्य राज्यों के लोगों के लिए मानो कुदरत के आठवें आश्चर्य से कम नहीं लगता। सदियों से लोग यहां आकर मकर संक्रांति पर स्नान करते हैं व अपने को धन्य मानते हैं।
मकर संक्रांति यानी लोहड़ी पर तीन दिन चलने वाले इस स्नान के बाद 26 जनवरी व बैशाखी के दिन भी इसी तरह का स्नान होता है। यही कारण है कि इन तीनों अवसरों पर सैकड़ों की तादाद में पांडे यानी पंडित यहां सतलुज के किनारे पहुंचते हैं व बड़े बड़े तराजू गाड़कर अपने-अपने शिविर लगाते हैं।
स्रोत : दैनिक जागरण