बिलिंग की ऊंचाईयों को नापने पहुंचा 14 वर्षीय फ़्रांस का पायलट

जोगिन्दरनगर : पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बिलिंग घाटी आजकल मानव परिंदों से गुलज़ार हो चुकी है. बिलिंग घाटी में भले ही इस बार किसी स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा यह तय नहीं हो पाया है परन्तु विश्व भर से पायलट विश्व की सर्वश्रेष्ठ साइट पर अपनी श्रेष्ठता की परख करने अवश्य पहुंचे हैं. बिलिंग से उड़ान भरने की चाह लिए जहाँ 78 वर्षीय पायलट ने दस्तक दी है तो वहीँ 14 वर्षीय पायलट को भी बिलिंग की सर्वोतम साइट इस घाटी में लेकर आई है.

78 वर्षीय पायलट भी पहुंचा

बिलिंग में बुलंदियां छूने की चाह के समक्ष आयु का पैमाना बौना पड़ता दिख रहा है.बिलिंग से उड़ान भरने की चाह लिए जहाँ 78 वर्षीय पायलट पहुंचा है तो वहीँ 14 वर्षीय पायलट भी बिलिंग की ऊँचाइयों की थाह पाने की चाह लिए आया है. इसे बीड़ बिलिंग साइट की कशिश ही कहा जा सकता है कि इन्हीं में से फ़्रांस से एक 14 वर्षीय पायलट भी पहली बार बिलिंग आया है.

रशियन पायलट भी पहुंचे

जानकारी के अनुसार रहियां पायलट एक बार फिर अपना दमखम दिखाने यहाँ पहुंचे हैं. यह रशियन पायलट पिछले कई वर्षों से बीड़ -बिलिंग आ रहे हैं. हालाँकि बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षों से बीड़ बिलिंग आ रहे हैं.

अभी कोई प्रतियोगिता निर्धारित नहीं

बीड़-बिलिंग में इस बार फैडरेशन एरोनाटिक्स इंटरनेशनल तथा पैराग्लाडिंग वर्ल्ड कप एसोसिएशन की ओर से गिलहाल कोई प्रतियोगिता आयोजित करवाना निर्धारित नहीं हो पाई है लेकिन फिर भी कई देशों फ़्रांस, रूस, जर्मन, युक्रेन, जापान, यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों के पायलट यहाँ पहुँचते हैं.

लगभग साढ़े तीन दशक साहसिक खेल ग्लाडिंग की वजह से सुर्खियों में आई बीड़-बिलिंग विश्व की सर्वश्रेष्ठ साइटों में से एक है.

बिलिंग को मिली अलग पहचान

विशेषज्ञ बताते हैं कि बिलिंग की अनेक खूबियाँ हैं जो इसे अलग पहचान दिलाती हैं.यही कारण है कि विश्व भर से पायलट यहाँ खींचे चले आते हैं.इस स्थान पर वर्ष भर थर्मल उपलब्ध रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार जून में इस क्षेत्र में 6 से 12 मीटर प्रति सेकंड का थर्मल उपलब्ध रहता है जबकि बसंत ऋतु में 4 से 8 मीटर प्रति सेकंड का थर्मल मिलता है.

उड़ान में सहायक होता है थर्मल

वहीँ अक्तूबर और नवम्बर माह में अधिकतम 7 मीटर प्रति सेकंड का थर्मल उपलब्ध रहता है.यही थर्मल पायलट को उड़ान भरने में सहायक रहता है. बिलिंग में पायलट को 4 से 6 हज़ार मीटर का क्लाउड बेस आसानी से प्राप्त होता है.

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