हिमाचल में 4465 करोड़ पहुंचा नुकसान का आंकड़ा

हिमाचल प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे के अलावा कुल 500 सड़कें शुक्रवार शाम तक भी बंद रही हैं। इन सड़कों को खोलने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।

इस बार प्रदेश में बारिश ने हर ओर मचाई तबाही

अब मौसम भी हलका साथ देने लगा है लेकिन दो दिन भारी बारिश फिर से होने की संभावना है। ऐसे में सड़कों की बहाली का काम प्रभावित होगा।

प्रदेश में 953 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं वहीं 336 पेयजल स्कीमें भी पूरी तरह से ठप्प हैं जिस वजह से लोगों को पानी की भारी किल्लत महसूस हो रही है।

राज्य में अब तक इस प्राकृतिक आपदा से 386 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 451 लोग घायल हैं। लापता लोगों का आंकड़ा 41 का है।

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से अब तक कुल 4465.74 करोड़ रूपए का नुकसान आंका जा चुका है। यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

अत्यधिक भारी बारिश होने से प्रदेश में भवनों के साथ सडक़ों, पेयजल परियोजनाओं, कृषि व बागवानी को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि प्रदेश में बारिश की रफ्तार धीमी होने के बाद लोगों ने जरूर राहत की सांस ली है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक राज्य में अभी भी 500 लिंक रोड़ के साथ 3 नेशनल हाईवे यातायात के लिए बंद चल रहे हैं।

कुल्लू में अभी भी जनजीवन पट्टरी पर नहीं लौट पाया है। कुल्लू में 2 एनएच सहित 174 सडक़ें वाहनों की आवाजाही के लिए बाधित हैं जिससे अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्रों का मुख्यधारा से सम्पर्क कटा हुआ है।

कुल्लू में एनएच.03, 305 भी बंद चल रहा है। कुल्लू के साथ ही मंडी में भी काफी संख्या में सड़कें बाधित पड़ी हैं। यहां पर भी 133 सडक़ें बंद चल रही हैं।

इसके अलावा बिलासपुर में 12, चंबा में 30, हमीरपुर में 03, कांगड़ा में 45, किन्नौर में 2, शिमला में 48, सिरमौर में 18, सोलन में 16 और ऊना में 19 सड़कें बंद हैं। ऊना में एनएच. 503 भी बंद चल रहा है।

प्रदेश में आपदा के दौरान मौत का आंकड़ा देखें तो बिलासपुर में 19, चंबा में 43, हमीरपुर में 16, कांगड़ा में 54, किन्नौर में 28, कुल्लू में 44, लाहौल स्पीति में 9, मंडी में 61, शिमला में 40, सिरमौर में 20, सोलन में 27 और ऊना में 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

जबकि अभी भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में 41 लोग लापता हैं जिनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।