मंडी : छोटी काशी यानि मंडी में देश का पहला ऐसा शिवधाम बनने जा रहा है, जहां 12 ज्योतिर्लिंगों सहित भगवान शिव की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का दीदार एक ही स्थान पर हो जाएगा।

मंडी के कांगणीधार पर विकसित हो रही शिवधाम परियोजना भक्तों के लिए एक नया धार्मिक और पर्यटन केंद्र बनेगी। छोटी काशी के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र अब देश के 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियों का एकमात्र ऐसा स्थान बनेगा, जहां भक्त देश का भ्रमण किए बिना ही सभी पावन स्थलों का दर्शन एक साथ कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है। शिवधाम परियोजना एशियन डिवेलपमेंट बैंक की सतत् पर्यटन विकास योजना का हिस्सा है।
यह कुल 9.5 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। इसकी कुल अनुमानित लागत 150 करोड़ रुपए है। प्रथम चरण के लिए 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
राज्य सरकार के अनुसार इस पर अभी तक लगभग 50 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। इसमें 12 ज्योतिर्लिंग प्रतिकृतियों के निर्माण पर 16 करोड़ और अन्य आधारभूत सुविधाओं पर शेष राशि खर्च हुई है।
पिछली जयराम ठाकुर सरकार के दौरान शुरू हुई यह परियोजना धनाभाव के कारण दो वर्षों से ठप्प पड़ी रही, लेकिन सुक्खू सरकार ने इसे प्राथमिकता देते हुए 2025-26 के बजट में 100 करोड़ रुपए आबंटित किए हैं।
हिमाचल पर्यटन विकास निगम द्वारा अतिरिक्त 33.44 करोड़ रुपए का निवेश भी सुनिश्चित किया गया है। शिवधाम में प्रवेश के लिए कैलाश द्वार पर भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा पर मंडी कलम चित्रशैली और काष्ठकुणी शैली की झलक भी दिखेगी।
शिव वंदना के नाम से ओरिएंटेशन सेंटर होगा। गंगा कुंड, मानसरोवर कुंड, मोक्ष पथ, बिल्वपत्र कुंड, रुद्रा और डमरू मंडल भी बनाया जाएगा। उधर, सदर विधायक अनिल शर्मा कहते हैं कि शिवधाम जल्द ही साकार हो जाएगा।
निर्माण की गुणवत्ता पर नजर रखी जा रही है। सीएम ने भी इसके लिए बजट मुहैया करवाया है। ज्योतिर्लिंगों की ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय भी बनेगा।
यहां पर्यटक डिजिटल माध्यमों से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। हरबल गार्डन, नक्षत्र वाटिका में औषधीय जड़ी-बूटियों का बगीचा और नक्षत्रों पर आधारित उद्यान, पर्यावरण संरक्षण और खगोलीय ज्ञान को जोड़ेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ओपन थिएटर, भोजनालय और वाहन पार्किंग सुविधा भी होगी। मंडी में शिवधाम बनाने की सोच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्त्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ने जब अपना ड्रीम बनाया, तो कांगणीधार में इसकी नींव पड़ गई।
सरकार बदली तो काम रूक गया और फिर सीएम सुक्खू ने धन का प्रावधान कर इस सपने को साकार करने का बीड़ा उठा लिया। इसका परिणाम यह निकला कि शिवधाम के अटके काम ने तेजी पकड़ ली है और अनुमान यही लगाया जा रहा है कि सुक्खू राज में ही शिवधाम भक्तों के दीदार को तैयार हो जाएगा।
परियोजना में यह भी
शिवधाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि एक समग्र धार्मिक-पर्यटन परिसर होगा। इसमें 12 ज्योतिर्लिंग प्रतिकृतियां स्थापित किए जा रहे हैं।
इनमें सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घृष्णेश्वर के प्रतिरूप एक ही स्थान पर स्थापित होंगे।
देश की दूसरी बड़ी प्रतिमा
शिवधाम में 108 फुट की शिव प्रतिमा स्थापित होगी। यह देश की दूसरी बड़ी प्रतिमा होगी। देश में सबसे ऊंचा शिवलिंग केरल के तिरुवनंतपुरुम में माहेश्वरम श्रीशिवा पार्वती मंदिर में है।
इसकी ऊंचाई 111.2 फुट है। इससे कम 108 फुट का शिवलिंग भूतेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ में है। मंडी के शिवधाम में 108 फुट ऊंचा शिवलिंग बनेगा।






























