काँगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार को मिली तकनीकी मंजूरी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के लिए एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। कांगड़ा एयरपोर्ट के बहुप्रतीक्षित विस्तार परियोजना ने मांझी खड्ड पर बनने वाले महत्त्वपूर्ण पुल (ब्रिज) और रिवर कवर के डिजाइन को अब औपचारिक रूप से मंजूरी मिल गई है।

यह स्वीकृति एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और वेवकॉफ द्वारा तैयार किए गए विस्तृत डिजाइनों के आधार पर दी गई है, जो परियोजना के तकनीकी कार्य में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।

हवाई अड्डा विस्तार परियोजना के तहत एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार के लिए मांझी खड्ड पर पुल और रिवर कवर का निर्माण किया जाएगा। अब इस पुल का विस्तृत डिज़ाइन औपचारिक रूप से स्वीकृत हो चुका है।

इसके साथ ही परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है। इस रिपोर्ट में निर्माण की तकनीकी संभावनाओं, पर्यावरणीय प्रभाव और क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों का पूरी तरह से मूल्यांकन किया गया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि परियोजना हर लिहाज से टिकाऊ और व्यावहारिक हो।

तैयार किए गए डिजाइन और फिजिबिलिटी रिपोर्ट के तकनीकी मूल्यांकन के लिए अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर को औपचारिक रूप से अनुरोध भेजा गया है।

एनआईटी हमीरपुर के विशेषज्ञ इस विस्तृत रिपोर्ट और डिजाइन की समीक्षा करेंगे। इस तकनीकी सत्यापन के बाद परियोजना के निर्माण कार्य के लिए अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 460 करोड़ रुपए की भूमि आबंटन राशि जारी कर लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है, जबकि 1899 करोड़ रुपए की अन्य आबंटन राशि शीघ्र किए जाने की सरकार ने घोषणा की है।

उधर, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान ने इस प्रगति की पुष्टि करते हुए बताया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण की दिशा में तकनीकी पहलुओं पर तेजी से काम चल रहा है और कई सारे कार्य पूरे कर लिए गए हैं, जबकि अन्य कार्य प्रगति
पर हैं।

पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

कांगड़ा हवाई अड्डे का यह विस्तार क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यटन गतिविधियों को एक नई गति देगा। विस्तारीकरण से क्षेत्र में हाई एंड टूरिस्ट आकर्षित होंगे, जिससे न केवल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के व्यापक अवसर भी पैदा होंगे, जो इसे हिमाचल के लिए एक गेम-चेंजर परियोजना बनाता है।