शिमला : विदेशों में बढ़ते कोविड संक्रमण और देश में भी कोरोना वायरस के बीएफ-7 वेरिएंट के कुछ मामले आने के बाद हिमाचल में इससे बचने के लिए अलर्ट जारी हो गया है। गुरुवार को प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा की ओर से प्रदेश के सभी सीएमओ व अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेडेंट के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गई।
बैठक में यह आदेश दिए गए हैं कि अस्पतालों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाए जाए। कोविड के बीएफ-7 वेरिएंट की तलाश के लिए रेट टेस्ट के बजाए अब आरटीपीसीआर टेस्ट पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।
आरटीपीसीआर टेस्ट से वायरस के सीटी वैल्यू पता चलती है। जीनोम सिक्वेंसिंग के दौरान इस वैल्यू से ही पता चलता है कि व्यक्ति के अंदर कोरोना वायरस का कौन सा वेरिएंट है। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पंडा का कहना है कि फिलहाल प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई बंदिशें नहीं लगाई जाएंगी.
प्रदेश के सभी लोगों से यह अपील की गई है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं और हैंडहाइजीन का भी ख्याल रखे। तभी कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। वहीं लोगों को प्रीकॉशन डोज लगवाना अनिवार्य होगा।
एचआरटीसी बसें लाएंगी सैंपल
प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पंडा ने बताया कि प्रदेश में अब टेस्टिंग बढऩे के साथ आरटीपीसीआर टेस्ट पर जोर दिया जाएगा। कई दूर दराज के क्षेत्रों में आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इन क्षेत्रों से एचआरटीसी बसों के माध्यम से सैंपल आरटीपीसीआर केंद्रों तक लाए जाएंगे।
प्रदेश में कोरोना के छह नए मामले
प्रदेश में गुरुवार को कोरोना वायरस के छह नए मामले आए हैं। दो मामले कांगड़ा और बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और शिमला में एक-एक मामला आया है। प्रदेश में 24 एक्टिव केस हैं। कांगड़ा में सात एक्टिव केस, बिलासपुर, कुल्लू और शिमला में चार-चार एक्टिव केस, जबकि चंबा और सिरमौर में एक-एक एक्टिव केस है।