आप सभी को अध्यापक दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। शिक्षक दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के 26 स्कूल शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलेगा। सरकार ने सामान्य, विशेष व कठोर जनजातीय पुरस्कारों की तीन श्रेणियों में इन शिक्षकों का चयन किया है।
5 सितंबर को राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री चयनित शिक्षकों को पुरस्कृत करेंगे। राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में राज्य स्तरीय समारोह होगा। बीते दिनों हुई प्रस्तुतियों और साक्षात्कार के आधार पर इन शिक्षकों का चयन किया गया है।

अधिसूचना के अनुसार सामान्य पुरस्कार की श्रेणी के तहत शिक्षकों को नियमित क्षेत्रों में उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा।
सामान्य पुरस्कार
इनमें अजय सिंह गढ़जमुला (कांगड़ा), अनीता चौधरी सेराथाना (कांगड़ा), देवेंद्र सिंह चौहान पीएमश्री स्कूल रोहडू, सीमा देवी संधू (शिमला), उमेश कुमार मोरला (मंडी), गुरुदास राम झुंगी (मंडी) शामिल हैं।
(जनजातीय/दुर्गम क्षेत्र) की श्रेणी में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में गिरधारी लाल टिंडी (लाहौल-स्पीति), योग राज निगुलसारी (किन्नौर), जीवन बाला पीएमश्री स्कूल मैहला (चंबा) और विवेक भारद्वाज मनाल दोची (सिरमौर) शामिल हैं।
विशेष पुरस्कार की श्रेणी में पुरस्कार
विशेष पुरस्कार की श्रेणी में पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों में डॉ मंजुला शर्मा शिमला, दीपिका जंदैक शमरोर (सोलन), कुलदीप नेगी प्राचार्य डाइट (किन्नौर), कैलाश शर्मा समलोटी (कांगड़ा), शिशुपाल सराहां (सिरमौर) और माया राम सराहां (सिरमौर) शामिल हैं।
इसके अलावा गीतिका नेगी शिमला, सुरेंदर शर्मा कुलाल (चंबा), मीना देवी बज्याड़ (हलोग) शिमला, बराज कुमार डुमैहर (सोलन), परमजीत सिंह भटेड़ (बिलासपुर), जीवन सिंह हिमगिरी (चंबा) और सृष्टि शर्मा प्रेमनगर (सिरमौर) को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
कॉलेज स्तर पर ये शिक्षक किए जाएंगे सम्मानित
हिमाचल से एक कॉलेज प्रिंसिपल और पांच प्रवक्ताओं को भी राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य सरकार ने पहली बार कॉलेज स्तर पर पुरस्कार देने का फैसला लिया है।
हमीरपुर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रमोद कुमार पटियाल को प्रिंसिपलों की श्रेणी में चुना गया है।
प्रोफेसर की श्रेणी में बिलासपुर कॉलेज के डॉ अरुण कुमार, नाहन कॉलेज के डॉ. जगदीश चंद, संजौली कॉलेज से डॉ. कीर्ति सिंघा, धर्मशाला कॉलेज से डॉ. नरेश कुमार शर्मा, और ठियोग कॉलेज से डॉ. विकास नाथन का चयन राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है।
क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस
ये दिन डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित है। एक राजनीतिज्ञ होने के साथ वह एक बेहतरीन शिक्षक, विद्वान और प्रसिद्ध दार्शनिक भी थे।
साल 1888 में तमिलनाडू के तिरुत्तनी में 5 सितंबर को ही उनका जन्म हुआ था। डॉट सर्वपल्ली की जन्म वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ही यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जब वे राष्ट्रपति बने तो उनके कई छात्रों और शुभचिंतकों ने उनका जन्मदिन विशेष रूप से मनाने का प्रस्ताव रखा. तब डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि शिक्षक और शिक्षण के महत्व को रेखांकित किया जा सके. तब से 5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.