जोगिन्दरनगर : कहते हैं पितृपक्ष में मृत व्यक्ति की आत्मा पिंडदान ग्रहण करने स्वर्ग से भूलोक पर आती है. इसलिए श्राद्ध में अपने -अपने पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान ग्रहण करवाया जाता है. इस वर्ष पितृ पक्ष श्राद्ध 25 सितम्बर से शुरू हो रहे हैं जबकि पूर्णिमा का श्राद्ध 24 सितम्बर सोमवार से शुरू हो रहा है. पंडित जगतराम शर्मा के अनुसार पहले श्राद्ध का समय 25 सितम्बर को सुबह 7 बजकर 18 बजे के बाद से शुरू हो रहा है.
इस प्रकार रहेगा समय
दूसरा श्राद्ध 26 सितम्बर को 8 बजकर 23 मिनट के बाद शुरू होगा. तीसरा श्राद्ध 27 सितम्बर को सुबह 9 बजकर 3 मिनट के बाद शुरू होगा. चौथा श्राद्ध 28 सितम्बर क सुबह 8 बजकर 45 मिनट के बाद शुरू होगा. पांचवां श्राद्ध 29 सितम्बर को सुबह 8 बजकर 4 बजे शुरू होगा. छठा श्राद्ध 30 सितम्बर को सुबह 7 बजे के बाद शुरू होगा.
ये श्राद्ध रहेंगे पूरा दिन
सातवाँ श्राद्ध 1 अक्तूबर को,आठवां श्राद्ध 2 अक्तूबर को,नवमा श्राद्ध 3 अक्तूबर को, दसवां श्राद्ध 4 अक्तूबर को,ग्यारहवां श्राद्ध 5 अक्तूबर को तथा बारहवां श्राद्ध 6 अक्तूबर को पूरा दिन रहेंगे.
8 अक्तूबर तक रहेगा श्राद्ध का समय
तेरहवां श्राद्ध का समय 7 अक्तूबर को दोपहर 2 बजकर 3 मिनट तक रहेगा , चौदहवें श्राद्ध का समय 8 अक्तूबर को 11 बजकर 32 मिनट तक है. इस प्रकार अमावस्या का समय 9 अक्तूबर को 9 बजकर 17 मिनट तक है.
18 तक होंगे माँ के नवरात्रे
सुबह 9 बजकर 17 मिनट के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ भगवती महामाया के नवरात्रे आरम्भ हो जाएंगे. माँ के यह नवरात्रे 18 अक्तूबर तक रहेंगे. “जय माता दी”