अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद
इसके साथ ही अब इस बहुप्रतीक्षित प्रोजैक्ट के अगले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद भी बंध गई है। वहीं रोपवे की जद्द में वन विभाग की भूमि आने तथा केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप जिला प्रशासन ने भी 2 हैक्टेयर के करीब भूमि को वन विभाग के नाम करवा दिया है, जहां पर पौधारोपण करपर्यावरण को संरक्षित करने का कार्य होगा। उल्लेखनीय है कि इस इस रोपवे के बनने से धर्मशाला से मैक्लोडगंज की दूरी महज 5 मिनट रह जाएगी और अधिक से अधिक पर्यटक आसानी से मैक्लोडगंज पहुंच सकेंगे। इसके अलावा धर्मशाला-मैक्लोडगंज सड़क मार्ग पर लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी।
साढ़े 43 लाख रुपए करवाने थे जमा
प्रोजैक्ट की रिपोर्ट के तहत अगले चरण की मंजूरी के लिए रोपवे निर्माता कंपनी को विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए कुल 43 लाख 49 हजार 493 रुपए की राशि जमा करवानी थी। इस रोपवे के निर्माण कार्य का जिम्मा संभाले टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस पेमैंट को 1-2 दिनमें जमा करवाने की बात कही है। वहीं अब कंपनी द्वारा उक्त राशि जमा करवाने के बाद अगले चरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तथा रोपवे का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।
498 पेड़ों की चढऩी है बलि
धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोप-वे के लिए विभिन्न प्रजातियों के 498 पेड़ों को काटा जाना प्रस्तावित है। इस बहुप्रतीक्षित प्रोजैक्ट के लिए 995 पेड़ वन भूमि से प्रोजैक्ट के लिए ट्रांसफर भूमि की जद्द में आए थे, जबकि वन विभागकी सूझबूझ के चलते आधे से ज्यादा पेड़ों को कटने से बचा लिया गया है। इन पेड़ों को बचाने केलिए वन विभाग ने रोपवे के लिए लगने वाले टावरों की ऊंचाई को बढ़ाने की सिफारिश की थी, जिसके चलते पेड़ों को बचाया जा सका है।
खनियारा में उपलब्ध करवाई भूमिवन
विभाग की मानें तो जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग को नगर निगम के वार्ड खनियारा के पास 2 हैक्टेयर भूमि उपलब्ध करवा दी है। इसके चलते अबइस प्रोजैक्ट के निर्माण में कोई विशेष बाधा नहीं रही है। खनियारा के पास उपलब्ध हुई भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जाएगा, ताकि रोपवे की जद्द में आने वाले पेड़ों की क्षतिपूर्ति की जा सके।
स्रोत : पंजाब केसरी