देशभर में लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने की पूरी तैयारी

नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार देशभर में लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ाने जा रही है। हिमाचल सरकार ने भी इसकी पूरी तैयारी कर ली है। बस औपचारिक घोषणा का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुख्यमंत्रियों के साथ करीब चार घंटे वीडियो कान्फ्रेंसिंग की।

जान है तो जहान है

कोराना वायरस (कोविड-19) महामारी के खिलाफ संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक के देशव्यापी पूर्णबंदी को बढ़ाए जाने के संकेत देते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना विषाणु के संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है और सरकार के कदमों के प्रभाव के आकलन के लिए आगामी तीन से चार सप्ताह का समय बहुत महत्त्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा कि और अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है, जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।

लॉकडाउन बढ़ाना जरूरी

बैठक के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का सही फैसला ले लिया है। इसके बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्रियों का मानना है कि लॉकडाउन का समय बढ़ाया जाना चाहिए तथा लॉकडाउन का यह चरण पहले से अलग होगा। इससे पहले ओडिशा और पंजाब के बाद महाराष्ट्र और पश्चिमी बंगाल ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी।

ज्यादातर राज्यों ने किया समर्थन

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में ज्यादातर राज्यों ने प्रधानमंत्री से देशभर में 14 अप्रैल तक जारी पूर्णबंदी की 21 दिन की अवधि को दो सप्ताह तक और बढ़ाने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार राज्यों के इस अनुरोध पर विचार कर रही है। हालांकि पीएम मोदी ने शनिवार रात को जनता को संबोधित करना था और तय था कि वह लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान करेंगे, लेकिन इसे फिलहाल टाल दिया गया।

खेतों से हो उपज की खरीद

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों से खेतों से उनकी उपज की खरीद की जाए जिससे मंडियों में भीड़भाड़ नहीं हो। इससे किसानों को उनके दरवाजे पर भी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने आरोग्यसेतु ऐप को लोकप्रिय बनाने और लोगों को अधिक से अधिक संख्या में इसे डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करने की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों की खोज करने के प्रयासों की सफलता का उल्लेख किया किया और कहा कि उनके अनुभवों के आधार पर भारत ने इस ऐप के माध्यम से अपने प्रयास शुरू किए हैं और यह ऐप इस महामारी से निपटने में एक आवश्यक उपकरण बनेगा।

ई-पास की सम्भावना तलाशेंगे

उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से ही एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने वालों के लिए ई-पास उपलब्ध कराने की संभावना तलाशी जाएगी। श्री मोदी ने आर्थिक चुनौतियों के बारे में कहा कि इस संकट के साथ ही भारत के सामने आत्मनिर्भर बनने और राष्ट्र को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने का एक अवसर भी आया है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने राज्यों में कोविड 19 के पॉज़टिव मामलों, सामाजिक दूरी का अनुपालन कराने, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, प्रवासियों की कठिनाइयों के समाधान और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के बारे में जानकारी दी।

राज्यों को दी जाए वितीय मदद

मुख्यमंत्रियों ने सुझाव दिया कि पूर्णबंदी की अवधि दो सप्ताह बढ़ा दी जाए। उन्होंने इस महामारी से मुकाबले के लिए संसाधनों को सुलभ कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय एवं राजकोषीय मदद दिए जाने की भी मांग की। इस संवाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

आने वाले 4 हफ्ते होंगे अहम

कोराना वायरस (कोविड-19) महामारी के खिलाफ संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक के देशव्यापी पूर्णबंदी को बढ़ाए जाने के संकेत देते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना विषाणु के संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है और सरकार के कदमों के प्रभाव के आकलन के लिए आगामी तीन से चार सप्ताह का समय बहुत महत्त्वपूर्ण है। मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जान है, तो जहान है, जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो प्रारंभ में बल दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंशिंग का पालन बहुत आवश्यक है, देश के अधिकतर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया। पीएम मोदी ने कहा कि और अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है, जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।
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